चंद्रयान मिशन-3 भारत की आशाओं व सपनों को आगे बढ़ाएगा: प्रधानमंत्री मोदी

खबरे |

खबरे |

चंद्रयान मिशन-3 भारत की आशाओं व सपनों को आगे बढ़ाएगा: प्रधानमंत्री मोदी
Published : Jul 14, 2023, 12:45 pm IST
Updated : Jul 14, 2023, 12:45 pm IST
SHARE ARTICLE
photo
photo

उन्होंने कहा कि इस मिशन को लगभग 50 प्रकाशनों में चित्रित किया गया है।

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को तीसरे चंद्रयान मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा तथा यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तीसरे चंद्रयान मिशन के प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। चंद्रयान का प्रक्षेपण आज दोपहर बाद 2.35 बजे किया जाएगा। चंद्रयान-3 को ले जाने वाला 642 टन वजन का, 43.5 मीटर ऊंचा रॉकेट एलवीएम-3 श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा।

मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं! मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार में हमारे द्वारा की गई प्रगति के बारे में अधिक से अधिक जानने का आग्रह करता हूं। यह आप सभी को बहुत गौरवान्वित करेगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान-2 के प्रमुख वैज्ञानिक परिणामों में चंद्र सोडियम के लिए पहला वैश्विक मानचित्र, क्रेटर आकार वितरण पर जानकारी मिलना, आईआईआरएस उपकरण के साथ चंद्रमा की सतह पर पानी की बर्फ का स्पष्ट पता लगाना और बहुत कुछ शामिल है।.

उन्होंने कहा कि इस मिशन को लगभग 50 प्रकाशनों में चित्रित किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा शुरू करेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।’’

इसरो का चांद पर यान को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं।

मोदी ने कहा कि चंद्रयान-2 भी उतना ही पथप्रदर्शक था क्योंकि इससे जुड़े ऑर्बिटर के डेटा ने रिमोट सेंसिंग के माध्यम से पहली बार क्रोमियम, मैंगनीज और सोडियम की उपस्थिति का पता लगाया था। उन्होंने कहा कि यह चंद्रमा के मैग्मैटिक विकास में अधिक अंतर्दृष्टि भी प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान-3 को कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया के बाद लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में डाला जाएगा और 30,00,00 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए, यह आने वाले हफ्तों में चंद्रमा तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि यान पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे और हमारे ज्ञान को बढ़ाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वैज्ञानिकों का आभार। भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बहुत समृद्ध इतिहास है। चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों के बीच एक पथ प्रदर्शक माना जाता है क्योंकि इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि की है। यह दुनिया भर में 200 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशनों में दिखाया गया है।’’

मोदी ने कहा कि चंद्रयान-1 से पहले तक चंद्रमा को सूखा, भूगर्भीय रूप से निष्क्रिय और निर्जन खगोलीय पिंड माना जाता था। उन्होंने कहा, ‘‘अब, इसे पानी और उप-सतह बर्फ की उपस्थिति के साथ एक गतिशील और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय पिंड के रूप में देखा जाता है। शायद भविष्य में, यह बसने योग्य हो सकता है!’’

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

Congress ਦੇਵੇਗੀ Farmers ਨੂੰ Delhi ਜਾਣ ਨੂੰ ਰਾਹ, Punjab ਦੇ MP Dr. Amar Singh ਕਰ ਗਏ ਐਲਾਨ!

28 Sep 2024 5:58 PM

ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਲਈ PU ਚੋਣਾਂ 'ਚ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਫਸੇ ਸਿੰਙ, ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਿਆ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਪ੍ਰਚਾਰ ਤੇ ਠੋਕ ਕੇ ਬੋਲਦੇ ਮੁੰਡੇ!

31 Aug 2024 4:52 PM

ਕੀ ਹੈ HPV ਵਾਇਰਸ ਅਤੇ ਕਿਹੜੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਦਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖ਼ਤਰਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ?

31 Aug 2024 4:48 PM

'ਦਸਤਾਰ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਅਧੂਰਾ ਹਾਂ', ਦੇਖੋ Yograj ਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਕਿਹੜਾ ਕੀਤਾ ਸੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਗੁਨਾਹ

31 Aug 2024 4:46 PM

'ਦਸਤਾਰ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਅਧੂਰਾ ਹਾਂ', ਦੇਖੋ Yograj ਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਕਿਹੜਾ ਕੀਤਾ ਸੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਗੁਨਾਹ

31 Aug 2024 4:44 PM

ਦੇਖੋ Dhanveer ਅੱਜ ਵੀ ਜਦੋ Lucky ਅਤੇ Navdeep ਨੂੰ ਦੇਖਦੇ ਨੇ ਤਾਂ ਕਿਹੜੀ ਪੁਰਾਣੀ Memory ਅਉਂਦੀ ਹੈ ਯਾਦ

31 Aug 2024 4:41 PM