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Election Commission released electoral bond News In Hindi: सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताए जाने और इसे रद्द किए जाने के बाद SBI ने इससे जुड़ी पूरी डिटेल चुनाव आयोग को सौंप दिया . वहीं कोर्ट के आदेशों के अनुसार चुनाव आयोग ने इसे साइट पर प्रकाशित भी कर दिया है. चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर 763 पेजों की दो लिस्ट अपलोड की हैं, जहां एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों की तो दूसरे में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड की की पूरी जानकारी है,
इस कंपनी ने खरीदें सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड
बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का है। इस डेटा के अनुसार सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली और राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर है, कंपनी ने कुल 1,368 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे है. बता दें कि प्रकाशित जानकारी के अनुसार कंपनी यह बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 24 के बीच खरीदें.
चंदा देने वाली टॉप-20 कंपनी
1. फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर-1,368 करोड़
2.मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड-966 करोड़
3.क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड-410 करोड़
4.वेदांता लिमिटेड-400 करोड़
5.हल्दिया एनर्जी लिमिटेड-377 करोड़
6.भारती ग्रुप- 247 करोड़
7.एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड-224 करोड़
8.वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड-220 करोड़
9.केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड-194 करोड़
10.मदनलाल लिमिटेड-185 करोड़
11.डीएलएफ ग्रुप-170 करोड़
12.यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल-162 करोड़
13.उत्कल एल्युमिना इंटरनेशनल-145.3 करोड़
14.जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड-123 करोड़
15.बिड़ला कार्बन इंडिया-105 करोड़
16. रूंगटा संस-100 करोड़
17.डॉ रेड्डीज-80 करोड़
18.पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप-60 करोड़
19.नवयुग इंजीनियरिंग-55 करोड़
20.शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स-40 करोड़
भाजपा को मिला सबसे ज्यादा चंदा
SBI द्वारा दिए गए इस डेटा में यह भी खुलासा किया गया है कि किसा राजनीतिक पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है. इस डेटा के अनुसार भाजपा को सबसे ज्यादा (6,060 करोड़) रुपए मिले हैं।वहीं चुनावी बॉन्ड इनकैश कराने वाली पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, AIADMK, बीआरएस, शिवसेना, TDP, YSR कांग्रेस, डीएमके, JDS, एनसीपी, जेडीयू और राजद भी शामिल हैं।
बता दें कि भाजपा को 1-1 करोड़ कीमत वाले 5854 बाॅन्ड मिले हैं. वहीं तृणमूल 1467, कांग्रेस 1318, बीआरएस 1181, और बीजद 766 1-1 करोड़ कीमत वाले मिले हैं.
जानकारी दे दें कि चुनाव आयोग ने https://eci.gov .in/candidate-politicparty पर चुनावी बॉन्ड का डेटा अपलोड किया है।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने जो दो लिस्ट अपलोड किए हैं, उसमें यह तो पता चलता है कि किसने कितने बॉन्ड खरीदें और किसने उन बॉन्डस तो इनकैश कराया पर इस लिस्ट में यह पता नहीं चलता कि किसने किस पार्टी पैसै दिए.
Electoral Bonds news: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में SBI को फिर नोटिस जारी, 18 मार्च तक देना होगा जवाब
कोर्ट ने SBI से 12 मार्च, मंगलवार तक चुनाव आयोग को चुनावी बांड की जानकारी देने को कहा था. जिसका पालन करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार शाम को चुनाव आयोग को पूरा डेटा उपलब्ध करा दिया था. पर यह अभी भी अधूरा है.
मामला
गौरतलब है कि इससे पहले इसी पीठ ने 15 फरवरी को अपने ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की विवादास्पद चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया. इस योजना के तहत राजनीतिक दलों को गुमनाम रूप से फंड दिया जा सकता है। इस योजना की घोषणा सरकार ने 2017 में की थी और 2018 में इसे वैध कर दिया गया। ये चुनावी बॉन्ड जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर महीने में कुल चार बार जारी किए जा सकते हैं. कानून के मुताबिक, राजनीतिक दल यह बताने के लिए बाध्य नहीं थे कि उन्हें चंदा कहां से मिला।