ASER 2022 : एक चौथाई स्कूलों में पीने का पानी तक नसीब नहीं

खबरे |

खबरे |

ASER 2022 : एक चौथाई स्कूलों में पीने का पानी तक नसीब नहीं
Published : Jan 19, 2023, 6:25 pm IST
Updated : Jan 19, 2023, 6:25 pm IST
SHARE ARTICLE
ASER 2022: One-fourth of the schools do not even have drinking water
ASER 2022: One-fourth of the schools do not even have drinking water

रिपोर्ट में कहा गया है कि 93 प्रतिशत स्कूलों में बिजली का कनेक्शन उपलब्ध है। 89.4 प्रतिशत स्कूलों में मध्याह्नन भोजन के लिये रसोई सुविधा उपलब्ध हैं।

New Delhi: देश में स्कूलों में शौचालय, पेयजल, मध्याह्न भोजन, पुस्तकालय, कम्प्यूटर, बिजली कनेक्शन जैसे शिक्षा के अधिकार से जुड़े स्कूली मानकों में सुधार की रफ्तार बेहद मामूली है और अभी भी एक चौथाई (23.9%) स्कूलों में पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है। साथ ही लगभग एक चौथाई स्कूलों (23.6%) में विद्यार्थी शौचालय की सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

स्कूलों के हालात को लेकर जारी एन्युअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) 2022 में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के अधिकार से जुड़े स्कूली मानकों में मामूली सुधार दर्ज किया गया है। मसलन, वर्ष 2018 में 74.2 प्रतिशत स्कूलों में प्रयोग करने योग्य शौचालय उपलब्ध थे जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76.4 हो गए।

इसी प्रकार वर्ष 2018 में 74.8 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल सुविधा थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि में ऐसे स्कूल जहां छात्र पाठ्यपुस्तक के अलावा दूसरी पुस्तकों का उपयोग करते हैं उनकी संख्या 36.9 प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई ।

रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि वर्ष 2022 में 12.5 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं थी और 11.4 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल की सुविधा तो थी, लेकिन पेयजल उपलब्ध नहीं था। अगर दोनों को मिला दिया जाए तो वर्ष 2022 में भी ऐसे स्कूल जहां छात्रों लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं हैं, उनका आंकड़ा 23.9 फीसदी (लगभग एक चौथाई) है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 2.9 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं थी, वहीं 21 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय की सुविधा तो थी लेकिन वे प्रयोग करने योग्य नहीं थे। यानी करीब 23.9 फीसदी स्कूलों में विद्यार्थी शौचालयों की सुविधाओं से महरूम हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 10.8 प्रतिशत स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की सुविधा नहीं थी तथा 8.7 प्रतिशत स्कूलों में शौचालयों पर ताला लगा था। एएसईआर के अनुसार, 21.7 प्रतिशत स्कूलों में पुस्तकालय नहीं है और 77.3 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों के इस्तेमाल के लिये कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं हैं।.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 93 प्रतिशत स्कूलों में बिजली का कनेक्शन उपलब्ध है। 89.4 प्रतिशत स्कूलों में मध्याह्नन भोजन के लिये रसोई सुविधा उपलब्ध हैं।.

रिपोर्ट के अनुसार, 68.1 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालयों में सभी कक्षाओं के लिये पोशाक दी गई, जबकि 51.1 प्रतिशत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पोशाक वितरित की गई। प्राथमिक विद्यालयों में 22.5 प्रतिशत और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 32.7 प्रतिशत में किसी कक्षा में पोशाक नहीं दी गई या पता नहीं है।.

एएसईआर में वर्ष 2022 में 616 जिलों को शामिल करते हुए इनके 19,060 गांव और 3,74,554 घरों का सर्वे किया। इस दौरान 6,99,597 बच्चों से संपर्क किया गया। इस कार्य में 591 संस्थाओं के 27,536 स्वयंसेवकों की भागीदारी रही।

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

Ludhiana ਚ ਪਰਵਾਸੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਗੁੰਡਾਗਰਦੀ,ਪਰਵਾਸੀਆਂ ਨੇ ਪੰਜਾਬੀ ਦੇ ਘਰ ਤੇ ਚਲਾਏ ਇੱਟਾਂ ਰੋੜੇ, Video Viral

23 Dec 2024 5:49 PM

ਮਿੰਟੋ ਮਿੰਟੀ ਸਸਪੈਂਡ ਕਰਨ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਹੁਕਮ, Haryana ਦੇ Minister Anil Vij ਨੇ ਲੋਕਾਂ ਸਾਹਮਣੇ ਝਾੜਿਆ ਪੁਲਿਸ ਵਾਲ਼ਾ

23 Dec 2024 5:48 PM

ਕੀ ਕਹਿ ਕੇ ਘਰੋ ਗਿਆ ਸੀ ਕਲਾਨੌਰ ਦਾ Gurvinder Singh?UP Pilibhit Encounter ਚ Gangster ਦਾ Family Statement

23 Dec 2024 5:46 PM

ਕਿਹੜਾ ਕਾਨੂੰਨ ਬਣਨ ਨਾਲ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਲਾਭ ? Kisan leader Rakesh ਟਿਕੈਟ ਹੋ ਗਏ Live

20 Dec 2024 5:53 PM

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM