जेलेंस्की जापान के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं।
New Delhi: भारत और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिक जापान के हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की संभावनाएं तलाश रहे हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।.
अगर मोदी और जेलेंस्की हिरोशिमा में मिलते हैं, तो यह पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात होगी। मोदी शुक्रवार सुबह तीन देशों (जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया) की छह दिवसीय यात्रा के तहत हिरोशिमा रवाना हुए। वह यहां जी7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेंगे। साथ ही, वह जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को मोदी और जेलेंस्की के बीच बैठक होने की संभावना है, लेकिन इस संबंध में अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “दोनों पक्ष प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा में जुटे हुए हैं।”
जेलेंस्की जापान के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। जापान इस समूह का मौजूदा अध्यक्ष है।
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था। यह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमला शुरू होने के बाद यूक्रेन के किसी प्रमुख नेता की भारत की पहली यात्रा थी। झापरोवा ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को एक पत्र सौंपा था। यह पत्र जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखा था।
यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष जेलेंस्की से फोन पर कई बार बात कर चुके हैं। पिछले साल चार अक्टूबर को जेलेंस्की से फोन पर हुई बातचीत में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन संकट का कोई ‘‘सैन्य समाधान’’ नहीं हो सकता और भारत शांति स्थापना के किसी भी प्रयास में सहयोग देने के लिए तैयार है।.
भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है। उसने हमेशा कहा है कि वार्ता और कूटनीति के जरिये इस संकट का समाधान निकाला जाना चाहिए।