प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत एक विविधतापूर्ण देश है। हमारी दर्जनों भाषाएं और सैकड़ों बोलियां हैं।
बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत समाधानों के लिए एक आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला है और जो उपाय देश में सफल साबित होते हैं उन्हें कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है। बेंगलुरु में जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रिस्तरीय बैठक को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक सुरक्षित और समावेशी समाधान पेश करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत एक विविधतापूर्ण देश है। हमारी दर्जनों भाषाएं और सैकड़ों बोलियां हैं। यहां दुनिया के सभी धर्मों के लोग रहते हैं और असंख्य सांस्कृतिक प्रथाओं का पालन होता है। भारत में प्राचीन परंपराओं से लेकर आधुनिक प्रौद्योगिकी तक, हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।’’ उन्होंने कहा कि इतनी विविधताएं होने के कारण भारत समाधान तलाशने के लिए एक आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत में सफल साबित होने वाले उपायों को दुनियाभर में कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है।’’
प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों से कहा कि भारत दुनिया के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार है। मोदी ने कहा कि कोई पीछे न छूटे, यह सुनिश्चित करने के लिए देश ने ऑनलाइन एकीकृत डिजिटल बुनियादी ढांचा ‘इंडिया स्टैक्स’ बनाया है। प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूद प्रतिभागियों से डिजिटल कौशल को लेकर एक ऑनलाइन केंद्र स्थापित करने के प्रयास करने का आह्वान किया।
उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ ही इसके समक्ष आने वाली सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के प्रति जी20 प्रतिनिधियों को आगाह करते हुए ‘‘सुरक्षित, विश्वसनीय और लचीली डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए जी20 उच्चस्तरीय सिद्धांतों" पर सर्वसम्मति बनाने की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जी20 में हमारे पास एक समावेशी, समृद्ध और सुरक्षित वैश्विक डिजिटल भविष्य की नींव रखने का एक अनूठा अवसर है। हम डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से वित्तीय समावेशन और उत्पादकता को शामिल कर सकते हैं।’’
डिजिटल अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयोगों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि जनधन खाते, आधार और मोबाइल फोन ने वित्तीय लेनदेन में क्रांति ला दी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम कृत्रिम मेधा आधारित भाषा अनुवादमंच ‘भाषिणी’ तैयार कर रहे हैं, यह भारत की विविध भाषाओं के डिजिटल समावेश को सहयोग देगा।’’