
आफताब ने 18 मई को वालकर (27) को कथित तौर पर गला घोंटकर मार डाला था और उसके शरीर के 35 टुकड़े करके दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित ...
New Delhi : दिल्ली पुलिस आफताब अमीन पूनावाला को शनिवार को दक्षिणी दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर ले जाएगी क्योंकि पुलिस उसकी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर के शव के और हिस्सों का पता लगाना चाहती है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
श्रद्धा की कथित तौर पर हत्या करने के बाद आफताब उसके शव के टुकड़ों को कई दिनों तक फेंकता रहा था।
पुलिस के अनुसार,आफताब ने 18 मई को वालकर (27) को कथित तौर पर गला घोंटकर मार डाला था और उसके शरीर के 35 टुकड़े करके दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा और फिर उन्हें आधी रात के बाद शहर में कई जगहों पर फेंकता रहा था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कथित तौर पर आरी महरौली-गुरुग्राम रोड स्थित एक दुकान से खरीदी गई थी।पुलिस ने अब तक शव के 13 हिस्से बरामद किए हैं, जिनमें ज्यादातर हड्डियां हैं।
एक सूत्र ने कहा कि पुलिस ने शुक्रवार को गुरुग्राम से शरीर के कुछ अंग बरामद किए जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। पीड़िता का सिर अभी भी नहीं मिला है।
पुलिस ने यह भी कहा है कि उसने पूनावाला के घर से एक धारदार चीज बरामद की है और इसकी जांच की जाएगी कि क्या इसका इस्तेमाल वालकर के शव को काटने के लिए किया गया था।
पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि पीड़िता के पिता और भाई के रक्त के नमूने एकत्र किए गए हैं ताकि अब तक बरामद कंकाल के डीएनए से उनका मिलान किया जा सके।
पुलिस ने एक बयान में यह भी कहा कि आरोपी द्वारा दिये गए जवाब की "भ्रामक प्रकृति" को देखते हुए, उसका नार्को परीक्षण करने के लिए एक आवेदन दिया गया था और इसे अदालत ने मंजूरी दे दी है।
दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को पांच दिनों के भीतर आफताब अमीन पूनावाला का नार्को परीक्षण पूरा करने का निर्देश दिया है।
बयान में कहा गया, ‘‘यह पता लगाने के लिए कि हड्डियां पीड़ित की हैं, डीएनए विश्लेषण के लिए 'ए' (वालकर) के पिता और भाई के रक्त के नमूने एकत्र किए गए हैं। यह पता लगाने के लिए कि उस जगह से जब्त डिजिटल उपकरणों में क्या अपराध से संबंधित कोई सबूत है या नहीं उसे डेटा की फोरेंसिक पुनर्प्राप्ति के लिए भेजा गया है।’’