सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है।
New Delhi: केंद्र ने सोमवार को कहा कि बेमौसम बारिश और पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई ओलावृष्टि से गेहूं सहित रबी (सर्दियों) की फसलों को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन अभी राज्यों से इस बारे में रिपोर्ट नहीं मिली है। कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘प्रदेश सरकारें राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत धन का उपयोग कर रही हैं।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘कुछ नुकसान हुआ है। हमें राज्य सरकारों से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट नहीं मिली है।’’
मंत्री ने कहा कि अगर राज्य सरकारें क्षति की मात्रा का आकलन करने के बाद रिपोर्ट जमा करती हैं तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के तहत मुआवजा प्रदान करेगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश और ओले गिरे हैं।
इसने अपने दैनिक पूर्वानुमान में कहा कि 20 मार्च को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर और उत्तराखंड में 21 मार्च को, आंधी, बिजली, तेज़ हवा और ओलावृष्टि की संभावना है।
इस बीच, आईएमडी ने पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसानों को गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई स्थगित करने की सलाह दी है। पक चुकी फसलों के मामले में आईएमडी ने किसानों को सलाह दी है कि वे कुछ राज्यों में जल्द से जल्द सरसों और चने जैसी फसलों की कटाई करें और सुरक्षित स्थानों पर उनका भंडारण करें। किसानों को फसल के पौधे को गिरने से बचाने के लिए गेहूं की फसल की सिंचाई नहीं करने को भी कहा गया है।
गेहूं मुख्य रबी (सर्दियों) फसल है और देश के कुछ हिस्सों में इसकी कटाई शुरू हो चुकी है। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है।