क्षैतिज आरक्षण : ऐसा कोटा, जो सभी जाति श्रेणियों में दिया जाता है।
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) या ओबीसी व ईडब्ल्यूएस श्रेणी के किसी भी सदस्य के अंक सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के निर्धारित कर ऑफ अंकों से अधिक हैं, तो वह क्षैतिज आरक्षण की सीटों पर विचार किए जाने का हकदार है।
इस व्यवस्था के साथ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग को 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में एमबीबीएस अनारक्षित सरकारी स्कूल (यूआर-जीएस) कोटे को सीटों पर एससी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के सात छात्रों को प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं। पीठ ने कहा, क्षैतिज आरक्षण में विभिन्न श्रेणियों को अलग करने और मेधावी आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के अनारक्षित सीटों पर जाने को प्रतिबंधित करने में प्रतिवादियों की ओर से अपनाई गई कार्यप्रणाली पूरी तरह से गलत है।
अपीलकर्ताओं ने तर्क दिया था, यूआर-जीएस सीटों में, उनसे बहुत कम मेधावी और 214, 150 से भी कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को प्रवेश मिल गया है, जबकि यूआर-जीएस उम्मीदवारों की तुलना में बहुत अधिक मेधावी अपीलकर्ता प्रवेश से वंचित रह गए। उन्होंने यह भी कहा कि नीति के गलत अनुप्रयोग से, यूआर-जीएस की वर्गीकृत 77 सीटें जीएस कोटे से नहीं भरी गई और उन्हें उम्मीदवारों के खुले पूल में छोड़ दिया गया।
क्या है क्षैतिज आरक्षण : ऐसा कोटा, जो सभी जाति श्रेणियों में दिया जाता है। दूसरे शब्दों में, इस तरह का आरक्षण प्रत्येक श्रेणी में दिया जाता है, जैसे कि सामान्य श्रेणी, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग।
शीर्ष कोर्ट पहले ही कर चुका है स्पष्ट
अपीलकर्ताओं ने सौरव यादव और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य (2021) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। इसमें कहा गया था कि क्षैतिज आरक्षण के मामले में भी, एससी-एसटी-ओबीसी जैसी आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवार, यदि वे जीएस कोटे में योग्यता के आधार पर हकदार हैं, तो उन्हें जीएस कोटे (अनारक्षित सीटों) में प्रवेश दिया जाना चाहिए। आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्र जिन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की है, उन्हें खुली श्रेणी में आने से पहले अनारक्षित श्रेणी के सरकारी स्कूल कोटे की एमबीबीएस सीटें आवंटित की जानी चाहिए।
वर्टिकल आरक्षण का क्षैतिज में स्थानांतरण करना संभव नहीं
मध्य प्रदेश सरकार ने कहा, वर्टिकल आरक्षण की श्रेणी को यूआर-जीएस की बैतिज श्रेणी में स्थानांतरित करना संभव नहीं है। वर्टिकल आरक्षण सामाजिक रूप से पिछड़ी जातियों के लिए है। इसी श्रेणी के अंतर्गत पिछड़ा, अति-पिछड़ा, एससी व एसटी के अभ्यर्थियों को आरक्षण दिया जाता है।
• पीठ ने कहा, यह स्थापित है कि वर्टिकल आरक्षण श्रेणी के उम्मीदवार, जो योग्यता के आधार पर खुली या सामान्य श्रेणी में चयन का हकदार है, उसे सामान्य श्रेणी में चुना जाएगा। यह सिद्धांत क्षैतिज
आरक्षण पर भी लागू होगा।
• पीठ ने कहा कि एससी-एसटी ओवीसी वर्ग के मेधावी, जो योग्यता के आधार पर यूआर-जीएस कोटे में चयनित होने के हकदार थे, उन्हें जीएस कोटे में खुली सीटों में जगह देने से मना किया गया है।
• शीर्ष कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं को निरस्त किया गया था।
(For more news apart from Supreme Court News: Meritorious students of SC-ST and OBC are also entitled to be considered in horizontal reservation, stay tuned to Rozana Spokesman hindi)