‘जोन’ के शीर्ष अधिकारियों में शामिल, महाप्रबंधक अर्चना जोशी अपने पद पर बनी रहेंगी।
New Delhi: ओडिशा के बालासोर जिले में हुए भीषण रेल हादसे के कुछ हफ्तों बाद रेलवे ने बृहस्पतिवार को दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के पांच शीर्ष अधिकारियों का तबादला कर दिया, जिनमें संचालन, सिग्नल प्रणाली और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल हैं। इस हादसे में 280 से भी अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
हालांकि, रेलवे ने इन तबादलों को नियमित प्रक्रिया बताया है, लेकिन इस कार्रवाई को देश में करीब तीन दशक में हुए सबसे भयावह रेल हादसे के परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है।
बृहस्पतिवार को अलग-अलग आदेशों में, रेलवे बोर्ड ने खड़गपुर डिविजनल रेल प्रबंधक शुजात हाशमी और दक्षिण पूर्व रेलवे ‘जोन’ के प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर पी.एम. सिकदर, प्रधान मुख्य सुरक्षा अधिकारी चंदन अधिकारी, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त डी बी कासर, और मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक मोहम्मद ओवैस शामिल हैं।
इससे पहले, रेल हादसे के करीब एक पखवाड़े बाद दक्षिण पूर्व रेलवे ‘जोन’ के अतिरिक्त महाप्रबंधक अतुल्य सिन्हा का तबादला कर दिया गया था, जिसे दुर्घटना के बाद पहली सबसे बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। रेलवे ने तब इन तबादलों को नियमित प्रक्रिया बताया था और बृहस्पतिवार को भी रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि ये सभी तबादले ‘नियमित’ प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार, खड़गपुर के डीआरएम हाशमी की जगह के आर चौधरी ने ली है, जो अभी रेलवे भर्ती बोर्ड, अजमेर के अध्यक्ष हैं। सिकदर का तबादला उत्तर मध्य रेलवे में विशेष ड्यूटी पर अधिकारी के रूप में किया गया है, जबकि अधिकारी को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में भेजा गया है।
प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त कासर का भी तबादला किया गया है। वह वर्तमान में पटरी और मरम्मत, सिग्नलिंग गियर और रेलवे के भवनों व प्रतिष्ठानों सहित रेलवे संपत्ति के सुरक्षा संरक्षक हैं। मोहम्मद ओवैस का तबादला पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में किया गया है और उन्हें मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
‘जोन’ के शीर्ष अधिकारियों में शामिल, महाप्रबंधक अर्चना जोशी अपने पद पर बनी रहेंगी। उल्लेखनीय है कि दो जून को बालासोर के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए रेल हादसे में 280 से अधिक लोगों की मौत हो गई और करीब 1,000 अन्य घायल हुए। दुर्घटना में तीन रेलगाड़ियां--बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थीं।