बीबीसी के डॉक्युमेंट्री के खिलाफ ट्वीट पर विवाद के बाद अनिल एंटनी का कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा

खबरे |

खबरे |

बीबीसी के डॉक्युमेंट्री के खिलाफ ट्वीट पर विवाद के बाद अनिल एंटनी का कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा
Published : Jan 25, 2023, 4:38 pm IST
Updated : Jan 25, 2023, 4:38 pm IST
SHARE ARTICLE
Anil Antony resigns from all Congress posts after controversy over tweet against BBC documentary
Anil Antony resigns from all Congress posts after controversy over tweet against BBC documentary

अनिल ने दिल्ली में मीडिया से कहा कि उनके इस्तीफा देने के कई कारण हैं, लेकिन इसका मुख्य कारण वृत्तचित्र के खिलाफ मंगलवार को किए गए उनके ट्वीट के बाद,..

तिरुवनंतपुरम :  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए के एंटनी के पुत्र अनिल एंटनी ने गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के खिलाफ अपने ट्वीट को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच पार्टी में अपने सभी पदों से बुधवार को इस्तीफा दे दिया।.

अनिल एंटनी ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की घोषणा की जिसमें उन्होंने कहा कि वृत्तचित्र के खिलाफ किए अपने ट्वीट को वापस लेने के लिए ‘‘असहिष्णु तरीके से’’ कई लोग उन पर दबाव बना रहे हैं और इसी मामले से जुड़ी ‘‘नफरत/अपशब्दों की फेसबुक ‘वॉल’’’ के कारण उन्होंने यह फैसला किया।

उन्होंने केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डिजिटल मीडिया के संयोजक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया एवं डिजिटल संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-समन्वयक के पद से इस्तीफा दिया है।

अनिल ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने कांग्रेस में अपनी सभी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है। बोलने की आजादी के लिए लड़ने वाले लोग ट्वीट को वापस लेने के लिए असहिष्णु मांग कर रहे हैं। मैंने इनकार कर दिया। प्रेम को बढ़ावा देने का समर्थन करने वालों द्वारा नफरत/अपशब्दों की फेसबुक वॉल। इसी का नाम पाखंड है। जिंदगी चलती रहती है। नीचे त्याग पत्र का हिस्सा दे रहा हूं।’’

उन्होंने अपने ट्विटर खाते पर अपने त्याग पत्र का एक हिस्सा पोस्ट किया, जिसमें लिखा है, ‘‘कल से हो रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर मेरा मानना है कि मेरे लिए कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं-- केपीसीसी (केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी) डिजिटल मीडिया के संयोजक और एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) सोशल मीडिया एवं डिजिटल संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-समन्वयक-- को छोड़ना उचित होगा।’’

उन्होंने त्याग पत्र में लिखा कि उनकी अपनी अनूठी क्षमताएं हैं जो उन्हें कई तरीकों से पार्टी में प्रभावी ढंग से योगदान करने में सक्षम बनातीं।

अनिल ने कहा, ‘‘लेकिन, अब मुझे अच्छी तरह से पता चल गया है कि आप, आपके सहयोगी और आपके नजदीकी लोग केवल चापलूसों और चमचों के उस झुंड के साथ काम करने के इच्छुक हैं, जो बिना कोई सवाल किए आपके इशारे पर काम करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह योग्यता का एकमात्र मापदंड बन गया है। दुख की बात है कि हमारे बीच कुछ खास साझा आधार नहीं है। मैं इस नकारात्मकता से दूर रहने और उन विनाशकारी आख्यानों में शामिल हुए बिना अपने अन्य पेशेवर प्रयासों को जारी रखना पसंद करूंगा, जिनमें से कई भारत के मूल हितों के खिलाफ हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि ये समय के साथ इतिहास के कूड़ेदान में जाकर समाप्त हो जाएंगे।’’.

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए के एंटनी ने अपने बेटे अनिल के इस फैसले पर अभी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

बाद में, अनिल ने दिल्ली में मीडिया से कहा कि उनके इस्तीफा देने के कई कारण हैं, लेकिन इसका मुख्य कारण वृत्तचित्र के खिलाफ मंगलवार को किए गए उनके ट्वीट के बाद, सोशल मीडिया में उन पर हो रहे हमले हैं।

उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट तटस्थ था, उसका गलत अर्थ निकाला गया और उसे गलत तरीके से दिखाया गया जिसके बाद लोगों ने उनसे इसे वापस लेने या बदलने को कहा।

अनिल ने कहा, ‘‘मैंने कहा कि यह संभव नहीं है। रात आठ बजे के बाद कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने मेरे फेसबुक पेज पर मुझे अपशब्द कहे। मैंने उन्हें डिलीट नहीं किया है। मुझे यह देखकर दुख हुआ कि पार्टी की संस्कृति किस स्तर तक गिर गई है।’’

उन्होंने कहा कि उनके जैसी शैक्षणिक और व्यावसायिक योग्यता वाले किसी व्यक्ति के लिए ‘‘इतनी खराब संस्कृति वाले वातावरण में काम करना मुश्किल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं पार्टी छोड़ नहीं रहा हूं, लेकिन मैं पार्टी में कोई पद भी नहीं संभाल रहा।’

अनिल ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि भारतीय जनता पार्टी के साथ तमाम मतभेदों के बावजूद उनका मानना है कि बीबीसी और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री एवं ‘‘इराक युद्ध के पीछे के दिमाग’’ जैक स्ट्रॉ के विचारों को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व देना खतरनाक चलन है और इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी।

इस प्रतिक्रिया के बाद एंटनी को पार्टी के भीतर ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था।

दूसरी तरफ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अनिल एंटनी के विचारों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी यह दलील ‘अपरिवक्व’ है कि यह वृत्तचित्र भारत की संप्रभुता में दखल है।

तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर ने कहा कि देश के लोगों को यह वृत्तचित्र देखने या नहीं देखने की पूरी आजादी है तथा यह कौन कह सकता है कि ब्रिटिश प्रसारक को 2002 के दंगों पर खबर करने का अधिकार नहीं है।

उनका यह भी कहना था कि देश का संविधान इस वृत्तचित्र को देखने की पूरी गारंटी देता है। थरूर ने कहा, ‘‘हमारे देश की संप्रभुता इतनी आसानी से प्रभावित नहीं होती...क्या यह किसी विदेशी वृत्तचित्र को दिखाए जाने से प्रभावित होगी? क्या राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता इतनी कमजोर है कि वह एक वृत्तचित्र से प्रभावित हो जाएगी?’’ अनिल एंटनी ने ये टिप्पणियां उस वक्त की हैं जब कई राजनीतिक संगठनों ने घोषणा की है वे केरल में इस वृत्तचित्र को दिखाएंगे।.

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

'हमारा गांव बिकाऊ है' पोस्टर विवाद बढ़ा, SHO के खिलाफ कार्रवाई

03 Jun 2025 5:49 PM

रोती हुई महिला ने निहंग सिंह पर लगाया आरोप बेअदबी, फिरोजपुर जमीन विवाद निहंग सिंह मामला

03 Jun 2025 5:48 PM

पंजाब किंग्स की जीत! मुंबई इंडियंस को हराकर फाइनल में बनाई जगह, अब RCB से होगी बड़ी टक्कर

02 Jun 2025 6:41 PM

Punjab Kings Vs RCB ! सुनें दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज मोहित शर्मा किसका कर रहे हैं समर्थन

02 Jun 2025 6:39 PM

जेल से बाहर आने के बाद जगदीश भोला का EXCLUSIVE वीडियो

02 Jun 2025 6:37 PM

राजबीर कौर ने बताया कपिल शर्मा और भारती बहुत शरारती हैं, Rajbir kaur Exclusive Interview

02 Jun 2025 6:35 PM