भारत के ड्रग नियामक, CDSCO द्वारा अगस्त में किए गए क्वालिटी टेस्ट में ये दवाएं क्वालिटी स्टैंडर्ड पर खरी नहीं उतरीं हैं.
Paracetamol failed Quality Test: अगर डॉक्टर की सलाह के बिना आप भी दर्द-बुखार में पैरासिटामोल टैबलेट लेते हैं, तो सावधान हो जाइए। गुणवत्ता परीक्षण में ऐसी 48 दवाइयां फेल पाई गई हैं। इनमें विटामिन-डी3 सप्लीमेंट, कैल्शियम, एंटी-डायबिटिक और उच्च रक्तचाप की दवाएं शामिल हैं।
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने नवीनतम दवा चेतावनी सूची में 48 दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है, जो गुणवत्ता मानक (एनएसक्यू) पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें विटामिन सी व डी3 टेबलेट शेलकल, विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी सॉफ्टजेल, गैस रोधी दवा पैन-डी, पैरासिटामोल टैबलेट आईपी 500 एमजी, शुगर की ग्लिमेपाइराइड, उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मिसर्टन शामिल हैं। ये दवाएं हेटेरो ड्रग्स, अल्केम लेबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स, मेग लाइफसाइंसेज, प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर और अन्य की ओर से निर्मित हैं।
भारत के ड्रग नियामक, CDSCO द्वारा अगस्त में किए गए क्वालिटी टेस्ट में ये दवाएं क्वालिटी स्टैंडर्ड पर खरी नहीं उतरीं हैं.
ये दवाएं भी संक्रमित
पेट में संक्रमण के इलाज के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल मेट्रोनिडाजोल भी गुणवत्ता मानक परीक्षण में फेल हुई है। इसे सरकारी क्षेत्र की कंपनी एचएएल बनाती है।
कोलकाता की कंपनी अल्केम की एंटीबॉयोटिक क्लैवम 625 और गैस रोधी दवा पैन डी भी मिलावटी मिली है। हैदराबाद की कंपनी हेटेसे की सैपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन भी घटिया पाई गई है। इसे बच्चों को गंभीर जीवाणु संक्रमण होने पर दिया जाता है।
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