शिवसेना पर नियंत्रण को लेकर राजनीतिक रस्साकशी और दिल्ली सरकार एवं उपराज्यपाल के बीच खींचतान का दृश्य 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय में देखने को मिला।
New Delhi : शिवसेना पर नियंत्रण को लेकर राजनीतिक रस्साकशी और दिल्ली सरकार एवं उपराज्यपाल के बीच खींचतान का दृश्य 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय में देखने को मिला। साथ ही, अदालत ने ‘व्हाटसऐप’ की निजता नीति की गहराई से पड़ताल की और गर्भ गिराने के महिलाओं के अधिकार को बरकरार रखने सहित अन्य ऐतिहासिक फैसले सुनाए।
सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की विवादास्पद ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर उच्च न्यायालय ने कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे। अदालत ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखने पर विभाजित फैसला दिया और पक्षकारों को उच्चतम न्यायालय का रुख करने की अनुमति दी।
उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण वाणिज्यिक विषयों का भी निपटारा किया, जिनमें रेस्तरां द्वारा भोजन के बिल पर स्वत: सेवा शुल्क लगाने पर निषेध को बरकरार रखना और चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो से जुड़ा मामला भी शामिल है।
अमेरिका स्थित ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्यूचर समूह के बीच विवाद की भी अदालत ने सुनवाई की।
उच्च न्यायालय ने नये मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा का स्वागत किया तथा इस साल उसे 18 और न्यायाधीश मिले।. इसने इस साल कुछ यादगार फैसले भी दिये। उच्च न्यायालय ने खेल जगत में अव्यवस्था को दूर करने के लिए कदम उठाये। उच्च न्यायालय ने हॉकी इंडिया में आजीवन अध्यक्ष, आजीवन सदस्य और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पदों को अवैध करार देते हुए उन्हें रद्द कर दिया और इसके कामकाज के संचालन के लिए प्रशासकों की एक समिति गठित की।.
अलग-अलग मामलों में, अदालत ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया और जूडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के कामकाज के प्रबंधन के लिए प्रशासक भी नियुक्त किये।
उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में 26 वर्षीय एक युवती को 33 सप्ताह का अपना गर्भ गिराने की अनुमति दी क्योंकि भ्रूण के मस्तिष्क का समुचित विकास नहीं हुआ था। अदालत ने जोर देते हुए कहा था कि महिला द्वारा चुने गये विकल्प को भारतीय कानून द्वारा मान्यता दी गई है।
अदालत ने एक मामले में 30 सप्ताह से अधिक अवधि का गर्भ गिराने की भी अनुमति दे दी, जबकि 16 वर्षीय एक बलात्कार पीड़िता को 28 सप्ताह का गर्भ गिराने की इजाजत दी।
उच्च न्यायालय ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखे जाने के विषय पर फैसला सुनाते हुए कहा कि यह दुखद होगा यदि न्याय की गुहार लगाने वाली एक विवाहिता की सुनवाई भारतीय दंड संहिता के लागू होने के 162 वर्षों बाद भी नहीं की जाए।
‘अग्निपथ’ को लेकर आलोचनाओं का सामना करने वाले केंद्र ने उच्च न्यायालय में इस योजना का बचाव किया, जिसने इस नीति को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। शिवसेना के दो खेमों के बीच विवाद भी उच्च न्यायालय पहुंचा, जिसने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी निर्वाचन आयोग के अंतरिम आदेश को चुनौती देने संबंधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका खारिज कर दी।.
उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) और इसके नेताओं द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर रोक लगा दिया।.
अदालत ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और एन डिसूजा को गोवा में एक बार के स्वामित्व के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एवं उनकी बेटी के खिलाफ लगाये गये आरोपों से जुड़े सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया।.
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली में घर-घर राशन पहुंचाने की आप सरकार की योजना अपने मौजूदा रूप में लागू नहीं की जा सकती क्योंकि इसे उपराज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी है।
अदालत ने मार्च में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर तोड़फोड़ किये जाने की एक घटना को रोक पाने में पुलिस की नाकामी को लेकर नाराजगी प्रकट की और इसे बहुत परेशान करने वाली स्थिति बताया।.
उच्च न्यायालय ने सांसद चिराग पासवान, जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व प्रमुख शरद यादव और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के कब्जे से सरकारी बंगला खाली कराने का मार्ग प्रशस्त किया और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल की कार्यवाही रोक दी।.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों से जुड़े कई मामले भी उच्च न्यायालय में आये।
अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद को गैर कानूनी (गतिविधि) रोकथाम अधिनियम से जुड़े एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही, शाहीन बाग में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों के बारे में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के कथित नफरती भाषणों को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग से जुड़ी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ नेताओं की याचिका खारिज कर दी।.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कथित नफरती भाषणों को लेकर उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने की मांग से संबंधित एक याचिका का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि किसी विधेयक या संसद द्वारा पारित कानून के खिलाफ प्रामाणिक विचार प्रकट करने से एक नागरिक को रोकना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र के सिद्धांतों का उल्लंघन है।.
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘स्वीकार करो या उपयोग करना छोड़ दो’ संबंधी व्हाट्सऐप की 2021 की निजता नीति उन्हें भ्रमित करने वाले विकल्प उपलब्ध कराती है और इसके बाद उनके संवेदनशील डेटा इसकी मूल कंपनी फेसबुक को साझा कर दिये जाएंगे।.
उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी से जुड़ी कई याचकाओं की कार्यवाही भी बंद कर दी।.
उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका को ‘प्रचार पाने का वाद’ करार दिया और जुर्माना लगाते हुए इसे खारिज कर दिया। याचिका के जरिये, श्रद्धा वालकर की हत्या की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को हस्तांतरित करने की मांग की गई थी।