यह तस्वीर जापान की है लेकिन तस्वीर के साथ जो सन्दर्भ शेयर किया जा रहा है वह गलत है।
RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया पर एक दिल को छू लेने वाली तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में एक लड़का अपनी पीठ पर शव के साथ खड़ा देखा जा सकता है। अब तस्वीर को यह दावा करते हुए शेयर किया जा रहा है कि यह जापान में द्वितीय विश्व युद्ध की तस्वीर है जहां एक लड़का अपने भाई के शरीर को पीठ पर लाद कर एक सैनिक से बात करता है। इस तस्वीर के साथ इस बातचीत का प्रसंग साझा किया जा रहा है।
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। पढ़िए तस्वीर का असली सच;
वायरल पोस्ट
फेसबुक पेज "मैं हूं कौन" ने 1 नवंबर 2022 को वायरल फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'जापान में युद्ध के दौरान इस लड़के ने अपने मृत भाई को दफनाने के लिए अपनी पीठ पर लाद लिया। एक सिपाही ने यह देखा और उससे कहा कि तू इस मृत बच्चे को छोड़ दे क्योंकि तू बहुत थका हुआ होगा और आगे बढ़ने में असमर्थ होगा। तो उस लडके ने उत्तर दिया: वह भारी नहीं है, वह मेरा भाई है! सिपाही समझ गया और बहुत रोया। तब से यह तस्वीर जापान में एकता का प्रतीक बन गई है। आज जरूरी है कि हम जीवन में इस वाक्य को आदर्श वाक्य बनाएं: "ये भारी नहीं है। ये मेरा भाई है ..."अगर वह गिर जाए तो उसे उठा लेना, थक जाने पर उसकी मदद करना, और अगर वह कमजोर है तो उसे सहारा देना, अगर वह गलती करता है तो उसे माफ कर देना, और अगर दुनिया उसे छोड़ देती है, तो उसे अपने कंधों पर ले लो, क्योंकि वो भारी नहीं है।" .वो तुम्हारा भाई.. ️"
पड़ताल
वायरल तस्वीर की पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड किया और सर्च किया।
सर्च के दौरान हमें Alamy वेबसाइट पर वायरल तस्वीर मिली। आपको बता दें कि यह वेबसाइट चित्रों के संग्रह से संबंधित एक प्रसिद्ध वेबसाइट है। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक ये तस्वीर दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ी है।
अब यहां से आगे बढ़ते हुए हमने कीवर्ड सर्च से जानकारी खोजना शुरू किया। हमें इस तस्वीर से संबंधित एक लेख ww2wrecks नामक वेबसाइट पर अपलोड किया गया मिला। जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर US मरीन ऑफिसर और फोटोग्राफर जोसफ ओ डोनेल ने खींची है। वेबसाइट पर फोटोग्राफर जोसेफ ओ'डॉनेल के विचार भी वेबसाइट पर प्रकाशित किए गए थे।
लेख के अनुसार, ओ'डॉनेल ने लिखा, "मैंने एक दस साल के लड़के को आते देखा। वह अपनी पीठ पर एक बच्चे को ले जा रहा था। यह लड़का बाकी जापानी लड़कों से बहुत अलग लग रहा था। मुझे पता था कि लड़का यहां किसी महत्वपूर्ण कारण से आया है। उनके पैरों में जूते तक नहीं थे। उसकी पीठ पर एक बच्चा था जो सो रहा था। लड़का वहां पांच से दस मिनट तक खड़ा रहा। सफेद नकाब पहने कुछ लोग उसके पास गए और चुपचाप बच्चे को उसकी पीठ से उतार लिया। उसी समय मुझे एहसास हुआ कि उसकी पीठ पर बैठा बच्चा मर चुका है। उन्होंने उस बच्चे का हाथ पैर पकड़ कर आग के हवाले कर दिया. आग की लपटों को देखते हुए लड़का चुपचाप वहीं खड़ा रहा। कुछ देर बाद लड़का चुपचाप चला गया।"
आपको बता दें कि इस पूरे विवरण में बच्चे के फोटोग्राफर या किसी सिपाही से बात करने का जिक्र नहीं था।
अपनी खोज के दौरान हमें इस तस्वीर के बारे में कई लेख मिले। सब खबरों के अनुसार, तस्वीर के बारे में ओ'डॉनेल द्वारा प्रकाशित विवरण में दिखाया गया है कि एक लड़का अपने भाई के शरीर को अपनी पीठ पर ले जा रहा है, अंतिम संस्कार की प्रतीक्षा कर रहा है। उनमें कहीं भी लड़के के किसी सैनिक से बात करने का जिक्र नहीं था।
आपको बता दें कि एक लेख में हमें इस तस्वीर के बारे में फोटोग्राफर जो ओ'डॉनेल के बेटे का बयान मिला जिसमें उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। यह तस्वीर जापान की है लेकिन तस्वीर के साथ साझा किया जा रहा संदर्भ गलत है।