रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को भ्रामक पाया है।
RSFC (Team Mohali) - सोशल मीडिया पर 2 महिलाओं को पुलिस द्वारा लाठी मारने और उन्हें पुलिस की जिप्सी में बिठाने का वीडियो वायरल कर दावा किया जा रहा है कि मामला नूंह हिंसा से जुड़ा हुआ है। इस वीडियो को वायरल कर इन महिलाओं को कुछ यूज़र्स पत्थरबाज बता रहे हैं और साथ ही कुछ यूज़र्स इस वीडियो को वायरल करते हुए पुलिस पर महिलाओं को लाठी मारे जाने पर सवाल उठा रहे हैं।
फेसबुक यूज़र Deep Prakash ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "पत्थरबाजों की गर्मी शांत करती हुई हरियाणा पुलिस...Full Support to BJP CM ML Khattar ????जितने भी हिंदू मारे गए नूंह हिंसा में उनसब का हिसाब होना चाहिए ???? This happens when you question your elected Government..."
इसी तरह ट्विटर यूज़र श्रीकांत त्यागी ने इस मामले पर पुलिस पर सवाल उठाते हुए लिखा, "महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली भाजपा के शासित राज्य मणिपुर के बाद अब हरियाणा में भाजपा की कथनी व करनी को हरियाणा राज्य स्थित नूंह मेवात में लागू कर्फ़्यू में भाजपा की पुलिस द्वारा महिलाओं पर लाठी डंडे का बल प्रयोग कर भाजपा की सच्चाई देश की जानता को सामने प्रत्यक्ष रूप से दर्शाने का काम किया जा रहा है, उक्त दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है।"
महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली भाजपा के शासित राज्य मणिपुर के बाद अब हरियाणा में भाजपा की कथनी व करनी को हरियाणा राज्य स्थित नूँह मेवात में लागू कर्फ़्यू में भाजपा की पुलिस द्वारा महिलाओं पर लाठी डंडे का बल प्रयोग कर भाजपा की सच्चाई देश की जानता को सामने प्रत्यक्ष रूप से… pic.twitter.com/gqDcdTV1bx
— Shrikant Tyagi (@mshrikanttyagi) August 11, 2023
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को भ्रामक पाया है। वायरल यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 2020 है जिसे अब हालिया नूंह हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा। हमने पाया कि वीडियो में पुलिसकर्मियों ने मास्क लगाए हुए हैं। यहां से अंदेशा होता है कि वायरल वीडियो पुराना हो सकता है। हमने फिर आगे बढ़ते हुए मामले को लेकर वीडियो के कीफ्रेम्स निकाल कर उन्हें रिवर्स इमेज सर्च किया।
वायरल यह वीडियो 2020 का है
हमें मामले को लेकर Mohd Khalid नाम के ट्विटर यूज़र का ट्वीट मिला। यह ट्वीट 24 अप्रैल 2020 को किया गया था इस ट्वीट को साझा करते हुए यूज़र ने लिखा, "ये मामला गांव उटावड़ जिला पलवल का है आपसे अनुरोध है इस पुलिसवाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कोशिश करें इस तरह के बर्ताव से शांति भंग हो सकती है महिलाओं के प्रति इस तरह का बर्ताव बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा"
@mlkhattar @Dchautala @HumanRightsJus3 सर ये मामला गांव Uttawar जिला पलवल का है आपसे अनुरोध है इस पुलिसवाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कोशिश करें इस तरह के बर्ताव से शांति भंग हो सकती है महिलाओं के प्रति इस तरह का बर्ताव बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा pic.twitter.com/26t70UysY7
— Mohd Khalid (@MohdKhalidmeo) April 24, 2020
यहाँ मौजूद जानकारी के अनुसार यह मामले गांव उटावड़ का है और 2020 का है।
क्या है असल मामला?
हमने मामले को लेकर कीवर्ड सर्च किया तो हमें कई Fact Check रिपोर्ट्स मिली। मौजूद जानकारी के अनुसार मामला गोकशी से जुड़ा बताया गया। हमने आगे बढ़ते हुए उटावड़ पुलिस थाने में सम्पर्क किया। उटावड़ पुलिस थाने के SI टेक सिंह के ज़रिए हमारी पलवल जिला पुलिस के PRO संजय से बात हुई। संजय ने वायरल दावे को खारिज करते हुए बताया कि यह मामला हालिया नहीं बल्कि 2020 का कोरोना काल का है और इसका नूंह हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
हमारी पड़ताल में साफ़ हुआ कि यह वीडियो हालिया नहीं है और इसका नूंह हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को भ्रामक पाया है। वायरल यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 2020 है जिसे अब हालिया नूंह हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।