सरकार ने अगस्त में कहा था कि लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर सहित इन उत्पादों को एक नवंबर से लाइसेंस व्यवस्था के तहत रखा जाएगा।
New Delhi: भारत में लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा और सरकार सिर्फ उनकी खेप की निगरानी करेगी। एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही।
सरकार ने अगस्त में कहा था कि लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर सहित इन उत्पादों को एक नवंबर से लाइसेंस व्यवस्था के तहत रखा जाएगा। इस लिहाज से यह बात महत्वपूर्ण है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''हमारा विचार है कि लैपटॉप पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। हम केवल यह कह रहे हैं कि लैपटॉप का आयात करने पर उनकी कड़ी निगरानी रखी जाएगी, ताकि हम इन आयातों पर नजर रख सकें।''
उन्होंने कहा, ''हम वास्तव में निगरानी कर रहे हैं। इसका प्रतिबंधों से कोई लेना-देना नहीं है।'' इस बारे में विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि आयात प्रबंधन प्रणाली एक नवंबर से लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में काम प्रगति पर है और उम्मीद है कि यह 30 अक्टूबर से पहले हो जाएगा।
सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से आयात में कटौती करने के लिए अगस्त में लैपटॉप, कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित), माइक्रो कंप्यूटर और कुछ डेटा प्रोसेसिंग मशीनों पर आयात प्रतिबंध लगा दिया था। इस अधिसूचना के बाद आईटी हार्डवेयर उद्योग ने चिंता जताई थी।
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना और इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर सीमा शुल्क बढ़ाना शामिल है। भारत हर साल लगभग 7-8 अरब डॉलर मूल्य के इन सामानों का आयात करता है।