प्लेस्टोर पर दूसरे ऐप स्टोर को मंजूरी देने जैसी शर्तें हटा दी थीं।
New Delhi: उच्चतम न्यायालय दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल के एंड्रॉयड ऐप मामले में अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर 10 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की एक पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में दायर गूगल और भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) की अपीलों पर कहा कि वह मामले से जुड़े पहलुओं पर गौर करने के लिए कुछ वक्त चाहती है। इस पर एक पक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि याचिका को बाद में अंतिम निपटान के लिए रखा जा सकता है। फिर न्यायालय ने कहा कि दोनों अपीलों को अंतिम निपटान के लिए 10 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया जा सकता है और संबंधित पक्ष अपनी दलीलें सात अक्टूबर तक दाखिल कर दें।
इसके साथ ही न्यायालय ने दोनों पक्षों के वकीलों की मदद से एक साझी डिजिटल दलील तैयार करने के लिए वकील समीर बंसल को नोडल वकील भी नियुक्त किया।
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 29 मार्च को इस मामले में गूगल के कथित प्रतिस्पर्धा-रोधी तरीकों पर एक फैसला सुनाया था। उसमें न्यायाधिकरण ने गूगल पर लगाए गए 1,338 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा लेकिन उसके प्लेस्टोर पर दूसरे ऐप स्टोर को मंजूरी देने जैसी शर्तें हटा दी थीं।
एंड्रॉयड मोबाइल पारिस्थितिकी में अपनी प्रभावी स्थिति का गलत फायदा उठाने के लिए सीसीआई ने गूगल पर यह जुर्माना लगाया था। इसके अलावा प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने कहा था कि गूगल मोबाइल पर पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप को उपयोगकर्ताओं द्वारा हटाने पर रोक नहीं लगाएगा।
एनसीएलएटी के उस आदेश के खिलाफ गूगल और सीसीआई दोनों ने ही उच्चतम न्यायालय में अपील की हुई है। गत वर्ष 20 अक्टूबर को सीसीआई ने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संबंध में प्रतिस्पर्धा-रोधी तौर-तरीके अपनाने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को एनसीएलएटी के समक्ष चुनौती दी गई थी जहां से उसे आंशिक राहत मिली।