Gaganyaan Mission Test : नया इतिहास रचने की राह पर भारत, इसरो ने सफलतापूर्वक लॉन्च की गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट

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Gaganyaan Mission Test : नया इतिहास रचने की राह पर भारत, इसरो ने सफलतापूर्वक लॉन्च की गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट
Published : Oct 21, 2023, 11:31 am IST
Updated : Oct 21, 2023, 11:31 am IST
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बता दें कि रॉकेट का प्रक्षेपण पहले शनिवार सुबह आठ बजे के लिए निर्धारित था, लेकिन बाद में इसे दो बार कुल 45 मिनट के लिए टाला गया।

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश); तमाम बाधाओं और चुनौतियों को पार करते हुए इसरो ने गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट लॉन्च कर इतिहास रच दिया है. इसरो ने रविवार सुबह 10 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान के क्रू मॉड्यूल को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (Test Vehicle Abort Mission -1) और  टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइंट (TV-D1) भी कहा जा रहा है. 

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि टीवी-डीवी 1 (क्रू मॉड्यूल) मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है. उन्होंने इस सफलता के लिए इसरो के पूरी टीम को बधाई दी. 

बता दें कि रॉकेट का प्रक्षेपण पहले शनिवार सुबह आठ बजे के लिए निर्धारित था, लेकिन बाद में इसे दो बार कुल 45 मिनट के लिए टाला गया। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने बाद में बताया कि किसी विसंगति के कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि टीवी-डी1 रॉकेट का इंजन तय प्रक्रिया के अनुसार चालू नहीं हो सका था।

इसके बाद, इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘प्रक्षेपण रोके जाने के कारण का पता लगा लिया गया है और उसे दुरुस्त कर दिया गया है। प्रक्षेपण आज पूर्वाह्न 10 बजे होगा।’’

दो घंटे की देरी और टीवी-डी1 इंजन के शुरुआत में तय प्रक्रिया के तहत चालू नहीं हो पाने के बाद पैदा हुई घबराहट के बीच इसरो के वैज्ञानिकों ने रॉकेट का सटीक प्रक्षेपण किया। यान के ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) एवं ‘क्रू एस्केप’ (चालकदल बचाव प्रणाली) पृथक्करण का लक्ष्य हासिल करते ही श्रीहरिकोटा स्थित मिशन नियंत्रण केंद्र में सांसें थाम कर बैठे वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया।  इसरो ने घोषणा की कि टीवी-डी1 मिशन पूरी तरह सफल रहा।

तय योजना के अनुसार पेलोड बाद में समुद्र में सुरक्षित तरीके से गिर गए। इसरो ने एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे कदम बढ़ाया। इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है।.

इसरो ने शुक्रवार को कहा था कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा।

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