प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 1100 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और शिवहर में...
पटना : जन सुराज पदयात्रा के 93वें दिन की शुरुआत केसरिया प्रखंड अंतर्गत गोछी कुशहर पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ राजकीय उत्क्रमित हाई स्कूल से निकले। आज जन सुराज पदयात्रा पूर्वी चंपारण के लोहरगांवा, केसरिया नगर पंचायत होते हुए कल्याणपुर प्रखंड के सिसवा पटना पंचायत के उदय नारायण कॉलेज में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 1100 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और शिवहर में उन्होंने 140 किमी से अधिक की पदयात्रा की। पूर्वी चंपारण में अबतक 460 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। दिन भर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 5 आमसभाओं को संबोधित किया और 7 पंचायत, 13 गांव से गुजरते हुए 19.5 किमी की पदयात्रा तय की। इसके साथ ही प्रशांत किशोर स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित किया।
बिहार में नेता जाति की राजनीति नहीं करते, वो सिर्फ अपना फायदा देखते हैं: प्रशांत किशोर
जन सुराज पदयात्रा के दौरान कल्याणपुर प्रखंड में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार में नेता जाति की भी राजनीति नहीं कर रहे हैं। वो सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं। उन्होंने नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि आज जगन्नाथ मिश्र जी ने अपने जाति से कितने लोगों को आगे बढ़ाया है? आज लालू यादव अगर जाती की राजनीति कर रहे हैं तो कितने यादव युवा को आगे बढ़ाया? जीतनराम मांझी ने अपने बेटे को राजनीति में बढ़ाने के अलावा कितने लोगों को बढ़ाया है? आज जातिवाद ने बिहार को बर्बाद किया है। आप बिहार की जनता जग जाइए वरना ये परिवारवाद की राजनीति करते जाएंगे। मैं हाथ जोड़ कर आपसे विनती कर रहा हूं कि अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आज और अभी जगिए।
बिहार में सिर्फ एक ही जाति है, वो है 'गरीब', जो गरीब रह गया उसे कोई नहीं पूछने वाला: प्रशांत किशोर
जन सुराज पदयात्रा के दौरान गोछी कुशहर पंचायत में आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "आज बिहार में नेता जाति की राजनीती करते तो हैं पर अपने ही लोगों का भला नहीं करते। आज मैं 3 जिलों में पदयात्रा करने के बाद ये दावे के साथ बता सकता हूं कि बिहार में सिर्फ एक ही जाति है, वो है 'गरीबी' और जो गरीब रह गया उसे कोई नहीं पूछने वाला। आज मुश्लिम समुदाय के लोग भाजपा को अपने निजी कारण से वोट नहीं करते और मजबूरी में लालटेन छाप पर अपना बटन दबाते हैं। आज यादव जाती के लोगों का भी हाल उतना अच्छा नहीं है जितना होना चाहिए था।