
इन सीटों पर कांग्रेस, राजद और भाजपा सहित दलों के साथ चुनाव लड़कर राकांपा ने ये सीटे जीती थी.
Patna News: पटना: आगामी बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मजबूत और सशक्त भूमिका निभाने की ओर अग्रसर होती दिख रही हैं. राकांपा 2010 के विधानसभा के चुनाव में चार सीटों कदवा, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी में दूसरे पायदान पर रही थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में राकांपा प्राणपुर विधानसभा की सीट महज आठ हज़ार वोटो से हारी थी.
2005 के अक्टूबर के विधानसभा के चुनाव में कदवा सीट जीतने के साथ ही पार्टी पश्चिम चम्पारण जिले के शिकारपुर, कटिहार जिले के बरारी, ओर पटना जिले के पटना सेंट्रल सीट पर दूसरे पायदान पर रही थी. वही 2005 के फरवरी के विधानसभा के चुनाव में राकांपा तीन सीट शिकारपुर, बरारी ओर कदवा सीटों पर चुनाव जीती थी. आश्चर्यजनक तौर पर राकांपा ने ये सीटें बिना किसी गठबंधन के अपनी टक्कर से जीती थी.
इन सीटों पर कांग्रेस, राजद और भाजपा सहित दलों के साथ चुनाव लड़कर राकांपा ने ये सीटे जीती थी. श्री तारिक़ अनवर राकांपा उम्मीदवार के तौर पर 2014 में कटिहार लोकसभा का चुनाव जीते थे. इन प्रदर्शनों से यह स्पष्ट होता हैं कि राकांपा बिहार में लिए कोई नया दल नहीं हैं. राकांपा बिहार में बहुत से दलों जैसे समाजवादी पार्टी, बसपा सहित अनेक दलों से बहुत आगे हैं क्योंकि जब राकांपा को लोग वोट दे रहे थे उस समय बिहार में इनका कोई वजूद नहीं था ।
2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के तहत चुनाव लड़ते हुए राकांपा ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा और 41 सीटों पर जीत हासिल की जो कुल सीटों का 70 प्रतिशत होता है . पार्टी के महाराष्ट्र चुनाव के बेहतर प्रदर्शन से बिहार में राकांपा के कार्यकर्ताओं व समर्थकों में नया जोश का संचार देखा जा रहा हैं. राकांपा के कार्यकर्ता अब 2005 और 2010 के बिहार चुनावो को आधार मानकर 2025 के चुनाव में अपनी रणनीति बनाने लगे हैं. उनका यह उत्साह अभी हाल में राष्ट्रीय महासचिव सचिव श्री ब्रजमोहन श्रीवास्तव व प्रदेश प्रभारी सच्चिदानन्द सिंह के सामने भी आया जब कार्यकर्ताओं ने जोश के साथ अपने राष्ट्रीय नेताओं का स्वागत करते हुए बिहार में विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों को खड़े करने की माँग की।
राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रमुख राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव कार्यकर्ताओं के इस तर्क से सहमत थे कि जब 2015 में राजद ओर जेडीयू के साथ गठबंधन के तहत 41 सीटों पर चुनाव लड़कर कांग्रेस पार्टी 27 सीटे जीत सकती हैं तो उसी को अपना आधार मानकर राकांपा भी बिहार में एनडीए गठबंधन के तहत सीटों की मांग करनी चाहिए है . कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा की 2015 विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस पार्टी के महज 4 विधायक थे फिर भी उनको गठबंधन में 41 सीटें दी गई ऐसे में एनडीए में हमें भी मौक़ा मिलना चाहिये। राष्ट्रीय महासचिव ने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुँचाने का आश्वासन भी दिया। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय महासचिव के इस बयान का गर्मजोशी से स्वागत किया जिसमें उन्होंने ने एमएनएस के उन कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के लिए आश्वस्त किया जो लोग महाराष्ट्र में उतर भारतीयों के साथ बदसलूकी कर रहे है ।
राकांपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी रंजन प्रियदर्शी का मानना हैं की जेडीयू और श्री नितीश कुमार को 2020 का विधानसभा चुनाव नहीं भूलना चाहिए जब उस समय की समग्र लोजपा के नेता चिराग पासवान ने जेडीयू से अलग होकर 135 सीटों पर चुनाव लड़कर नितीश कुमार की पार्टी को 43 सीटों पर समेट दिया था । यह बिहार में जेडीयू के स्थापना के बाद का सबसे ख़राब प्रदर्शन था. वही राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यकांत सिंह का मानना हैं की श्री नीतीश 2020 वाली हठधर्मीता को छोड़कर इस बार एनडीए गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की अनदेखी नहीं करते हुए उचित सीट देकर समझौते के तहत चुनावी मैदान में जायेंगे जिससे बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बने जो बिहार का विकास करे ।
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