उन्होंने कहा की, देश की सभी पार्टियों ने इस समाज को पूरी तरह नजर अंदाज किया है। जिसे लेकर अब हर राज्य में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं।
Patna News In Hindi: पटना, लोकसभा चुनाव 2024 में कायस्थ समाज को अनदेखी किए जाने का विरोध अखिल भारतीय कायस्थ समाज ने किया है। महासभा के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मनीष आनंद ने कहा कि कमोवेश देश की सभी पार्टियों ने इस समाज को पूरी तरह नजर अंदाज किया है। जिसे लेकर अब हर राज्य में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं।
भाजपा ने केवल एक सीट पर पटना साहिब से मौजूदा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद जी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने झारखंड में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरीय नेता श्री सुबोधकांत सहाय की पुत्री यशस्विनी को रांची से उम्मीदवार बनाया है। वहीं मध्य प्रदेश में अरुण श्रीवास्तव को एवं तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा को आसनसोल से चुनावी रण में उतारा है।
उसके अलावे देश की किसी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय पार्टी ने कायस्थ समाज को उम्मीदवारी देने में दिलचस्पी नहीं दिखायी। महासभा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष मनीष आनंद ने आगे कहा कि देश के विभिन्न राज्यों विशेषकर हिंदी भाषी प्रदेशों में कायस्थों की आबादी कम नहीं है। बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़िसा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, एवं राजस्थान के अलावे पूर्वोत्तर राज्यों एवं दक्षिण के राज्यों में तमिलनाडू,केरला, कर्नाटक में भी कायस्था आबादी अधिसंख्य हैं, मगर बावजूद इसके कायस्थ जाति को कमोवेश हर पार्टी ने नजर अंदाज किया।
आगामी चुनाव के बाद हम इस संदर्भ में चरणबद्ध आंदोलन करेंगे एवं जन -जागरुकता लाएंगे। झूठी जातीय आंकड़ों के आधार पर हमारी अनदेखी का खतरनाक खेल खेला जा रहा है। ऐसा इसलिए होता है। क्योंकि हमारा इतिहास एक प्रबुद्ध जाति के तौर पर काफी गौरवशाली रहा है। आजादी के संग्राम में भी हमने अग्रणी भूमिका निभाई। आजादी के बाद देश का बड़ा आंदोलन हमारे समाज के सेनानी जयप्रकाश नारायण ने लड़ा। प्रथम राष्ट्रपति के तौर पर राजेद्र प्रसाद की ख्याति जगजाहिर है।
प्रधानमंत्री के तौर पर सादगी के मिसाल लाल बहादुर शास्त्री की चर्चा आज भी जन-जन में लोकप्रिय है। पूरी दुनिया को विश्व शांति से लेकर युवाओं को संघर्ष की सीख देने वाले विवेकानंद भी हमारे समाज के है। ऐसे अनगिनत देशभक्त हमारे समाज ने दिए।
जिसने राजनीति को नई दिशा देने का कार्य किया। मगर आज की राजनीति में हमारे समाज को हाशिये पर ले जाने वाले दलों को अब संभल जाना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में समाज उनके खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगा।
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