इससे गरीब मछुआ समाज के बच्चों को बड़ी राहत मिल सकती है।
पटना: बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ अब मछुआरों को बढावा देने के साथ-साथ उनके बच्चों को शिक्षा में योगदान देने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत कॉफेड ने झारखण्ड स्थित सोना देवी विश्वविद्यालय से एक समझौता किया है। समझौता के तहत निषाद समाज से आने वाले बच्चों को नामांकन में 50 प्रतिशत छूट दिया जाएगा। इससे गरीब मछुआ समाज के बच्चों को बड़ी राहत मिल सकती है। इस संबंध में बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि कॉफ्फेड और सोना देवी विश्वविद्यालय ने मिलकर बिहार-झारखण्ड के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत निषाद समाज से आने वाले बच्चों को उच्च शिक्षा में मदद किया जाएगा। मत्स्य के क्षेत्र में आने वाले बच्चों का रोजगार सुनिश्चित होगा।
कश्यप ने कहा कि विश्वविद्यालय के कोर्स डिजाइन करने में कॉफ्फेड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके लिए पहल कर दिया गया है। कोर्स रोजगार मूलक होगा ताकि मत्स्य शिक्षा में स्नातक करने वाला कोई युवा बेरोजगार नहीं रहे। इससे बिहार को दोहरा लाभ होगा। प्रथम मछुआरों में मत्स्य शिक्षा में वृद्धि होगी। वहीं दूसरी ओर राज्य में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी। वर्तमान में बिहार मछली उत्पादन के लिए पूरी तरह आंध्र प्रदेश एवं बंगाल पर निर्भर है।