राष्ट्रीय व बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि निषादों का विकास समय की मांग है।
पटना: कॉफ्फेड सभागार में आयोजित वीरांगना फूलन देवी शहादत दिवस के अवसर पर उनके तैलचित्र पर राज्य के कोने-कोने से आए निषादों ने पुष्पांजलि अर्पित की। वीरांगना फूलन देवी की शहादत निषाद समाज को हमेशा ताकत देता रहेगा। फूलन देवी ने अपनी कुर्बानी से लोगों को दमन के खिलाफ लड़ने का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने कहा कि निषाद समाज संगठित होकर संघर्ष करेगा तो उसका विकास कोई नहीं रोक सकता है। निषाद समाज हमेशा से संघर्षशील जाति रहा है। परंतु वर्तमान में निषाद समाज को बांटने का प्रयास किया जा रहा है। यह हमारे लिए एक गंभीर चुनौती है, लेकिन इसके लिए सभी को संगठित होकर संघर्ष करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय व बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि निषादों का विकास समय की मांग है। यह जाति अब तक नदियों के किनारे वास करती रही है। मछली पकड़ना इसकी जीविका का साधन रहा है, परंतु अब स्थितियां बदल चुकी है। नदियों में न तो पानी है न ही मछली। मछुआ समाज बेरोजगारी का सामना कर रहा है। निषादों की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। ऐसे में संगठन सरकार से मांग करता है कि निषादों के विकास के लिए सरकारी तालाबों एवं नदियों की बंदोबस्ती हर प्रखंड के मत्स्यजीवी सहयोग समिति के माध्यम से किया जाए। कश्यप ने कहा कि राज्य के सरकारी तालाबों का नये सिरे से जीर्णोद्धार कॉफ्फेड के माध्यम से कराया जाए ताकि राज्य मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो सके। इससे निषादों के रोजगार बढ़ाने में काफी मदद् मिलेगी। सरकार के इस प्रयास से निषादों के बीच बढ़ रही बेरोजगारी को कम करने में काफी सहायता मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा राज्य सरकार एक रूपये के टोकन पर तालाबों की बंदोबस्ती करे ताकि गरीब निषादों को आर्थिक दोहन से बचाया जा सके।
सभा की अध्यक्षता बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि निषादों को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है। मौके पर कई निषाद नेताओं ने भाग लेकर अपने विचारों से समाज को एकजुट होने का संकल्प दोहराया। मंच का संचालन कॉफ्फेड के वरिष्ठ सदस्य लाल बाबू सहनी एवं धन्यवाद ज्ञापन कॉफ्फेड के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश सहनी ने किया।