डीजीपी के हलफनामे में सुरक्षा के लिए खर्च वसूलने का कोई जिक्र नहीं था जिस पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई।
Punjab-Haryana High Court News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों, धार्मिक संस्थाओं व मनोरंजन जगत से जुड़े लोगों को सुरक्षा उपलब्ध करवाते हुए इसका खर्च पार्टियों, संस्थाओं व अन्य से वसूलने का सुझाव दिया है। पंजाब से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अब हरियाणा व चंडीगढ़ को भी पक्ष बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
2019 में एक आपराधिक मामले में एक गवाह को सुरक्षा दी गई थी, अभी तक इस मामले में केवल एक गवाही हुई थी। आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट में पहुंची तो अदालत ने कहा था कि सुरक्षा की मांग स्टेटस सिंबल के लिए की जा रही है। करदाताओं के पैसे का उपयोग करके राज्य के खर्च पर कोई विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग नहीं बनाया जा सकता। हाईकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को हलफनामा दायर करने कर 2013 की सुरक्षा नीति के बारे में पूछा था कि जिन लोगों को सुरक्षा दी गई है उनकी समीक्षा की अवधि क्या है। वीआईपी, वीवीआईपी, आम नागरिकों सहित कितने व्यक्तियों को वर्तमान में विभिन्न श्रेणियों के तहत कितने सुरक्षा कर्मी सौंपे गए है। कितने लोगों को भुगतान पर और कितनों को राज्य के खर्च पर सुरक्षा दी गई है।
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इस मामले में डीजीपी के हलफनामे में सुरक्षा के लिए खर्च वसूलने का कोई जिक्र नहीं था जिस पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई। राज्य सरकार ने बताया कि अब इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जा रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह तैयार करते हुए ध्यान रखा जाना चाहिए कि राजनीतिक पार्टियों, धार्मिक संस्थाओं व मनोरंजन जगत के लोगों को सुरक्षा देते हुए खर्च की वसूली भी उनसे ही होनी चाहिए।
मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करते हुए इस पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए। साथ ही जो लोग अन्य राज्यों में रह रहे हैं या फिर लंबे समय तक रहे हैं उनकी सुरक्षा को लेकर भी स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में भी सुरक्षा के लिए खर्च वसूलने का प्रावधान है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मसला हरियाणा व चंडीगढ़ के लिए भी महत्वपूर्ण है और ऐसे में इस मामले में दोनों को पक्ष बनाना जरूरी है। हाईकोर्ट ने दोनों को पक्ष बनाते हुए अब इस विषय पर अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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(For more news apart from Punjab-Haryana High Court on security cost given to politicians, actors and other VIP, VVIP people, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)