Chandigarh University ने आयोजित किया ‘एडविजन 2025’ प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव, एआई युग में शिक्षा के भविष्य पर चर्चा

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Chandigarh University ने आयोजित किया ‘एडविजन 2025’ प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव, एआई युग में शिक्षा के भविष्य पर चर्चा
Published : Dec 16, 2025, 6:26 pm IST
Updated : Dec 16, 2025, 6:26 pm IST
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Chandigarh University organized the Advizion 2025’ Principals' Conclave
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2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी: एच राजेश प्रसाद, चीफ सेक्रेटरी, चंडीगढ़

Chandigarh University: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी 'एडविज़न, एनुअल प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव 2025: रीइमेजिनिंग एजुकेशन लीडरशिप इन द ऐज ऑफ़ एआई' का आयोजन किया। चंडीगढ़ में आयोजित इस कॉन्क्लेव में चंडीगढ़, पंजाब तथा हरियाणा के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 150 से ज़्यादा प्रिंसिपल शामिल हुए तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में सीखने के भविष्य पर विचार-विमर्श किया।

कॉन्क्लेव का उद्घाटन मुख्य अतिथि चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी एच. राजेश प्रसाद द्वारा किया गया। उनके साथ विशिष्ट अतिथि डॉ. राधिका सिंह डीपीआई कॉलेज चंडीगढ़ तथा निशांत जौहर, वीपी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस cloudEQ मौजूद थे। इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. रविराजा एन. सीताराम तथा चांसलर के सलाहकार प्रो. (डॉ.) आर.एस. बावा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 150 से अधिक स्कूल प्रिंसिपलों को उच्च मानक स्थापित करने और उत्कृष्ट कार्य को बढ़ावा देने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

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कॉनक्लेव में एकेडमिक एक्सपर्ट्स ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार शिक्षण प्रक्रिया को बदलने के लिए उभरती तकनीकों का एकीकरण अब अनिवार्य है। उन्होंने एआई शिक्षा को एक बुनियादी यूनिवर्सल स्किल बताया।

शिक्षाविदों ने कहा कि एआई छात्रों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए एक ज़रूरी टूल है, जो बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर उनकी ताकत, कमज़ोरियों और संभावित कठिनाइयों की पहचान कर छात्रों को अपनी गति और उनके लिए सबसे प्रभावी तरीकों से सीखने में मदद करता है।

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चंडीगढ़ क्षेत्र के प्रमुख शिक्षाविदों ने कहा कि एआई को शैक्षणिक संस्थानों में केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि एक प्रमुख बुनियादी ढांचे के रूप में अपनाया जाना चाहिए, ताकि प्रत्येक छात्र की पूरी क्षमता को विकसित किया जा सके।

एकेडमिक एक्सपर्ट्स ने कहा कि एआई का नैतिक इस्तेमाल मुश्किल चुनौतियों को हल करेगा, इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार स्कूलों में शुरुआत से ही ऐसी टेक्नोलॉजी को शामिल करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि एआई शिक्षकों को निरंतर होने वाले कामों से आज़ाद कर सकता है और उन्हें उन चीज़ों पर ध्यान देने देगा जो सच में मायने रखती हैं, जैसे क्रिएटिविटी, जिज्ञासा जगाना और युवाओं को गाइड करना।

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AI-इनेबल्ड क्लासरूम, जिम्मेदार AI उपयोग, AI-आधारित करियर गाइडेंस और AI-इंटीग्रेटेड लर्निंग टूल्स डेमो के माध्यम से कॉन्क्लेव ने प्रिंसिपलों को संस्थागत परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरण प्रदान किए। कार्यक्रम में AI-आधारित मूल्यांकन, स्मार्ट क्लासरूम, डेटा-आधारित निर्णय और वर्चुअल एवं ऑगमेंटेड रियलिटी जैसे इनोवेशन पर भी चर्चा हुई। इसने रिसर्च, स्किल-बिल्डिंग और कैपेसिटी डेवलपमेंट पर स्कूलों और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग को भी मज़बूत किया।

कॉन्क्लेव के दौरान एक पैनल डिस्कशन में, स्कूल लीडर्स ने रोज़ाना टीचिंग और स्कूल गतिविधियों में AI अपनाने की चुनौतियों और अवसरों पर अपनी राय साझा की।

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अपने संबोधन में मुख्य अतिथि, चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी एच राजेश प्रसाद ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री ने हमें 2047 तक विकसित भारत का विज़न दिया है। चाहे छात्र हों, शिक्षक हों, प्रशासक हों, किसान हों, उद्योगपति हों या सभी नागरिक हों, यह लक्ष्य हम सभी का है। और इस लक्ष्य को हासिल करने में शैक्षिक नेताओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अगर हमें एक विकसित राष्ट्र बनना है, तो यह तब तक नहीं हो सकता जब तक हमारे बच्चे, हमारे युवा राष्ट्र निर्माण में योगदान न दें। अगर किसी छात्र को राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है, तो यह शुरुआती सालों में ही करना होगा। यह उनके युवावस्था में ही करना होगा।"

उन्होंने आगे कहा,“भारत का विकसित राष्ट्र बनना तकनीकी प्रगति, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचे, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, औद्योगीकरण और मजबूत वित्तीय प्रणाली पर निर्भर करता है। इसलिए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को तैयार करने में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। केवल तकनीक, उद्योग, कृषि या आधारभूत संरचना के क्षेत्र में देश को महान बनाना ही काफी नहीं, हमें एक ऐसा खुशहाल, शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समावेशी राष्ट्र बनना होगा जहाँ नागरिकों को समान अवसर मिले, नैतिकता की  भावना हो। इस लक्ष्य को प्राप्त करने की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी शिक्षकों पर है, क्योंकि एक शिक्षक ही एक युवा को ऐसा सच्चा नागरिक बना सकता है जो अपने माता-पिता, बुजुर्गों, समाज, पर्यावरण, कमजोर वर्गों, राष्ट्रीय मूल्यों और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों की परवाह करे।”

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अपने संबोधन में, क्लाउडEQ के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के वीपी निशांत  जौहरने कहा, “हम सभी एआई के इस नए मोड़ पर हैं। हमें एआई के युग में एजुकेशन लीडरशिप के बारे में सोचना होगा। एआई  ने हमें इंसानी इंटेलिजेंस को समझने में मदद की है। वास्तव में कोई भी चीज़ इंसानी समझ की जगह नहीं ले सकती। लेकिन एआईशिक्षा का अगला पर्याय बनने जा रहा है। इसलिए, जब टेक्नोलॉजी की यह सुनामी हमारे पास आ रही है,  तो हमें इसे अपनाने के लिए सकारात्मक महसूस करना चाहिए ताकि हम आगेबढ़ सकें। साथ ही, हमें छात्रों द्वारा शिक्षा के लिए एआई के सबसे उपयोग के लिए नियम तय करने होंगे।”

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर, डॉ. रविराजा एन. सीताराम ने अपने सम्बोधन में कहा, “आज किसी देश की ताकत सिर्फ हथियारों में नहीं, बल्कि साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में है। जैसे-जैसे एआई हर क्षेत्र को बदल रहा है, टीचिंग, करिकुलम और रिसर्च में एआई को शामिल करना ज़रूरी है। स्कूलों और कॉलेजों में, हमें यह देखना होगा कि हम रेगुलर टीचिंग, करिकुलम बनाने, पढ़ाने के तरीकों और अन्य चीज़ों में एआई का इस्तेमाल कैसे करें, क्योंकि एआई का इंटीग्रेशन स्मार्ट कंटेंट, वर्चुअल लैब्स और एआर/वीआर-आधारित इमर्सिव लर्निंग अनुभवों द्वारा सीखना अब अधिक व्यक्तिगत और प्रभावी बना रहा है। इसलिए आवश्यक है कि छात्र ऐसे संस्थान का चुनाव करें जहाँ सही पाठ्यक्रम, एक्सपर्ट फैकल्टी, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, मान्यता, ग्लोबल एक्सपोज़र, नेटवर्किंग अवसर, हैंड्स-ऑन लर्निंग तथा इंटर्नशिप एवं रोजगार सहायता उपलब्ध हो।”

उन्होंने आगे कहा, "क्यू एसएशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में भारत की नंबर 1 यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता प्राप्त चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप कई  इंडस्ट्री-कोलैबोरेटिव प्रोग्राम ऑफर करती है। यही कारण है कि यूनिवर्सिटी टॉप नेशनल और इंटरनेशनल रिक्रूटर्स की पहली पसंद बनी हुई है, जहां माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, वॉल्ट डिज़्नी, आईबीएम, फ्लिपकार्ट और एसएपी लैब्स सहित 1200 से अधिक कंपनियों ने 2024-25 में छात्रों को 10,000 से अधिक नौकरियों के अवसर प्रदान किए है। 

(For more news apart from Chandigarh University organized the Advizion 2025’ Principals' Conclave news in hindi, stay tuned to Rozanaspokesman Hindi) 

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