चंडीगढ़ जिला अदालत में जजों की संख्या 29 है, जबकि स्टेट काउंसिल की संख्या केवल 20 है।
Chandigarh News: शहर की जिला अदालत में सरकारी वकीलों की कमी के चलते न्याय प्रक्रिया की सुस्त रफ्तार को आधार बनाते हुए दाखिल जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। चंडीगढ़ जिला अदालत बार एसोसिएशन की याचिका पर हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल नहीं किया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा।
चंडीगढ़ जिला बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि जिला अदालत में सरकारी वकीलों की संख्यां बहुत कम है जिससे न्याय की प्रक्रिया सुस्त पड़ गई है। चंडीगढ़ जिला अदालत में जजों की संख्या 29 है, जबकि स्टेट काउंसिल की संख्या केवल 20 है। इन काउंसिल को ही स्थायी लोक अदालत व लोक अदालत में पेश होने के लिए जाना पड़ता है।
कोर्ट को बताया गया कि चंडीगढ़ में स्टेट काउंसिल की संख्या केवल 20 है जिसमें से एक काउंसिल डीसी आफिस में तैनात है। लंच के बाद अन्य काउंसिल को स्थायी लोक अदालत व लोक अदालत में जाना पड़ता है। इसका खामियाजा वकीलों व लोगों को भुगतना पड़ता है। चंडीगढ़ में जिला अदालत जजों की संख्या तो बढ़ गई, लेकिन वकीलों की संख्या सालों पुरानी है। सभी कोर्ट वकील पेश न होने के कारण मामलों में गवाही व पेशी पर प्रभाव पड़ता है।
(For more news apart from Shortage of government lawyers in Chandigarh district court, High Court asked from Central Government, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)