राजधानी में आज से नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए जोर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एयर पॉल्यूशन ने सर्दी से पहले ही अपना पैर पसार रही है. आसमान में स्मॉग की चादर दिखने लगी है वहीं हवा में प्रदूषण बढ़ने से लोगों को काफी दिक्कत आ रही है. 'जहरीली हवा' ने दिल्ली सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. वहीं अब इस बीच, केजरीवाल सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्रीय एक्शन प्लान लेकर आए है. राजधानी में आज से नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए जोर दिया जाएगा.
चलिए जानते हैं कि राजधानी में वायु प्रदूषण पर नकेल के लिए क्या बड़े बदलाव होने जा रहे हैं?
यहां आपको बता दें कि राजधानी सर्दियों के मौसम में हर साल एयर पॉल्यूशन का सामना करता है. वहीं इस मौसम में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने का मामला भी देखने को मिलता है. बता दें कि दिल्ली सरकार पिछले तीन साल से सर्दियों में एयर पॉल्यूशन को कम करने और इससे निपटने के लिए15 सूत्रीय एक्शन प्लान को उपयोग में ला रही है. वहीं सरकार इस प्लान को इस साल भी लागू किया है.
बता दें कि दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर भी बैन लगाया गाया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को भी वायु गुणवता काफी खराब श्रेणी में रही.
सुप्रीम कोर्ट भी अब सरकार से नराज
दिल्ली में वायु गुणवता की खराब स्तिथि को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट भी अब सरकार से नराज दिख रही है. वहीं कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के सरकार को कई निर्देश दिए है और एक सप्ताह के अंदर उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी।
इन वाहनों की NO Entry
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसों और बीएस-VI डीजल बसों को ही शहर में चलाने की अनुमति दी हैं. बीएस-3 और बीएस-4 बसें-वाहन की राजधानी में NO Entry है.