पुलिस ने एक प्रमुख आईटी कंपनी के एक कर्मचारी की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी। जिससे ऑनलाइन गेम के नाम पर 1,49,000 रुपये की ठगी की गई थी।
New Delhi: अवैध ‘प्री-होस्ट गेमिंग’ वेबसाइटों के जरिये देश भर में ऑनलाइन गेम खेलने वालों से कथित तौर पर धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक आरोपी नकली गेमिंग वेबसाइट पर स्नूकर, कैसीनो, क्रिकेट, पोकर और तीन पत्ती जैसे ऑनलाइन खेल पर दांव लगाने का लालच देकर लोगों को ठग रहे थे। इन वेबसाइट की प्रामाणिकता सिद्ध करने और खेलने वालों का विश्वास हासिल करने के लिए शुरुआत में पीड़ितों को छोटी राशि का भुगतान करते थे।
उन्होंने बताया कि जीतने पर राशि हालांकि वर्चुअल ई-वॉलेट में जमा हो जाती थी जिसका भुगतान कभी नहीं किया जाता था।
पुलिस ने आरोपियों की पहचान श्रीयांश चंद्राकर, आयुष देवांगन और यश गणवीर के रूप में की है। तीनों क्रमश: रायपुर, छत्तीसगढ़ और बेंगलुरु से काम कर रहे थे। पुलिस ने बुधवार को बताया कि साइबर पुलिस थाने के एक दारोगा ने डिलीवरी बॉय का भेष बदलकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया और आरोपियों को साक्ष्य और संपत्ति को नष्ट करने से रोका।
पुलिस ने एक प्रमुख आईटी कंपनी के एक कर्मचारी की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी। जिससे ऑनलाइन गेम के नाम पर 1,49,000 रुपये की ठगी की गई थी।
घोटाले पर विस्तार से जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने कहा कि पीड़ितों को खेल वेबसाइटों पर पंजीकरण कराने और गेम खेलने के लिए सिक्के खरीदने के लिए पैसे जमा करने के लिए कहा गया था।
उन्होंने बताया, “धोखाधड़ी की गई राशि को विभिन्न बैंकों के खातों में स्थानांतरित कर दिया गया।”
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने जब संदिग्धों के कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया, तो पाया कि उनके ठिकाने छत्तीसगढ़ के दुर्ग, भिलाई और रायपुर से बेंगलुरु और दिल्ली में बदलते रहते हैं।
उन्होंने बताया कि श्रीयांश चंद्राकर ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह आईएचएम, बेंगलुरु से होटल प्रबंधन का कोर्स करने के लिए बेंगलुरु गया था, जहां उसकी मुलाकात राज से हुई।
राज ने उसे बताया कि उसके पास विभिन्न ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइटें हैं जिनसे वह लोगों से ठगी करता था और जल्दी पैसा कमा रहा था। जिससे आकर्षित होकर चंद्राकर, अपने दोस्त आयुष देवांगन और यश गणवीर के साथ राज के गिरोह में शामिल हो गया और छत्तीसगढ़ में अपने गृहनगर से काम करना शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक, तीनों आरोपियों के कब्जे से सात फोन, आठ डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, दो लैपटॉप और आठ फर्जी सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।