घबराए हुए माता-पिता अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूलों की ओर दौड़ पड़े।
New Delhi News: करीब 200 स्कूलों में बम होने की अफवाह वाले ईमेल मिलने के एक दिन बाद शहर के शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की उपस्थिति कम देखी गई, वहीं प्राचार्यों ने भविष्य में ऐसी आपात स्थितियों के लिए निकासी योजनाओं की समीक्षा की। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लगभग 200 स्कूलों को बुधवार को एक समान धमकी भरा ई-मेल प्राप्त हुआ था, जिसमें दावा किया गया कि उनके परिसर में विस्फोटक रखे गए हैं। इससे बड़े स्तर पर अफरा-तफरी मच गई, कक्षाओं में पढ़ाई रोक दी गई और घबराए हुए माता-पिता अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूलों की ओर दौड़ पड़े।
कुछ स्कूलों के प्राचार्यों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कई स्कूल बृहस्पतिवार को सामान्य स्थिति में खुले लेकिन उन स्कूलों में भी उपस्थिति प्रभावित हुई है जहां ये धमकी भरे मिले नहीं गए थे। माउंट आबू स्कूल की प्रधानाचार्य ज्योति अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने प्रत्येक मंजिल पर स्कूल की निकासी योजना की पुन:समीक्षा की और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को उनके लिए 'मॉक ड्रिल' और जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने के लिए कहा।
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उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को अनुपस्थिति अधिक थी। उन्होंने कहा, "मैंने माता-पिता से ऐसी स्थितियों में उनकी प्रतिक्रिया का आकलन करने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कुछ माता-पिता स्कूल के द्वारों को धक्का दे रहे थे और कुछ अपने बच्चों को बाहर लाने पर जोर दे रहे थे। उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया," "मैंने उनसे (बच्चों के परिजनों) कहा, 'मुझे 2,700 बच्चों की देखभाल करनी है।" अरोड़ा ने कहा कि उस स्थिति में भी उन्होंने शिक्षकों से माता-पिता की आईडी की ठीक से जांच करने और उनके हस्ताक्षर लेने के बाद ही बच्चों को सौंपने के लिए कहा और बच्चों से अपने माता-पिता की पहचान की पुष्टि करने के लिए भी कहा गया।
द्वारका में आईटीएल पब्लिक स्कूल की प्राचार्य सुधा आचार्य ने कहा कि माता-पिता अभी भी स्कूलों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। आचार्य ने कहा, "आज हमारी उपस्थिति प्रतिदिन के औसतन 95 से 97 प्रतिशत से गिरकर 85 प्रतिशत हो गई है। निश्चित रूप से माता-पिता अभी भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत और चिंतित हैं। कल ही हमने माता-पिता को आश्वस्त किया था कि चिंता की कोई बात नहीं है। हमें अपनी आधिकारिक ईमेल आईडी पर कुछ भी नहीं मिला।"
सुधा आचार्य कुल 250 निजी स्कूलों के निकाय ‘नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेन्स’ की प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि अन्य स्कूलों के प्राचार्यों ने भी अपने यहां विद्यार्थियों की उपस्थिति कम होने की बात कही है। द्वारका स्थित जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल की प्राचार्य अनिता खोसला ने कहा ‘‘अन्य सामान्य दिनों की तुलना में आज विद्यार्थियों की उपस्थिति 15-20 प्रतिशत कम है। अभिभावकों को समझना चाहिए कि घबराने से कुछ नहीं होगा। स्थिति से हमें मिलजुलकर निपटना होगा।’’
ईमेल भेजने का मकसद दहशत फैलाना, सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ना था
दिल्ली के 100 से अधिक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी संबंधी ईमेल भेजने का मकसद “बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करना और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना था।” दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में यह दावा किया गया है।
प्राथमिकी तक पहुंच रखने वाले आधिकारिक सूत्र के अनुसार बुधवार को सुबह 5:47 बजे से अपराह्न 2:13 बजे के बीच कई स्कूलों की तरफ से, बम धमकी मिलने के बारे में कम से कम 125 कॉल आईँ।
सूत्र ने कहा कि कॉल आने के बाद पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) वाहन स्कूल पहुंचे और जिला पुलिस, बम निरोधक दस्ता (बीडीएस), एमएसी, विशेष प्रकोष्ठ और अपराध नियंत्रण कक्ष, डीडीएमएस, एनडीआरएफ, ‘फायर कैट्स’ व अन्य एजेंसियों को सतर्क किया गया। सूत्र के अनुसार प्राथमिकी में कहा गया है कि स्कूलों की ओर इन इकाइयों की आवाजाही के कारण “काफी असुविधा हुई।”
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने एक "व्यापक अभ्यास" के तहत स्कूलों को खाली कराया और पूरे शहर में जांच-पड़ताल की। सूत्र ने कहा कि ये ईमेल स्पष्ट रूप से "बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के षड्यंत्रकारी इरादे से" भेजे गए थे। भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (अफवाह फैलाना), 507 (गुमनाम संचार के माध्यम से आपराधिक धमकी) और 120 (बी) (आपराधिक षड़यंत्र के लिए सजा) के तहत विशेष प्रकोष्ठ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
दिल्ली-एनसीआर के लगभग 200 स्कूलों को बुधवार को एक समान धमकी भरा ई-मेल मिला, जिसमें दावा किया गया था कि उनके परिसर में विस्फोटक लगा दिए गए हैं। इसके बाद बड़े पैमाने पर स्कूलों को खाली कराया गया और तलाशी ली गई जबकि घबराए हुए अभिभावक अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूल पहुंच गए। अधिकारियों के तलाशी लेने के दौरान कुछ नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने इसे एक अफवाह घोषित किया.
स्कूलों में बम होने की धमकी वाले झूठे संदेशों पर विश्वास न करें: दिल्ली पुलिस
स्कूलों में बम होने के बारे में कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में किए जा रहे झूठे दावों पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन संदेशों में कोई सच्चाई नहीं है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे व्हाट्सएप ग्रुप पर सामने आए उन ऑडियो संदेशों पर विश्वास न करें जिनमें दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम होने के झूठे दावे किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा गया, "व्हाट्सएप और अन्य चैट ग्रुप पर कुछ ऑडियो संदेश भेजे जा रहे हैं कि कुछ स्कूलों में कुछ संदिग्ध वस्तुएं पाई गईं हैं।" बयान में कहा गया, "ये संदेश झूठे हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि कृपया अन्य लोगों को भी बताएं कि ये संदेश झूठे हैं।"
दिल्ली-एनसीआर के लगभग 200 स्कूलों को बुधवार को एक समान धमकी भरा ई-मेल प्राप्त हुआ था, जिसमें दावा किया गया कि उनके परिसर में विस्फोटक रखे गए हैं। इससे बड़े स्तर पर अफरा-तफरी मच गई और घबराए हुए माता-पिता अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूलों की ओर दौड़ पड़े। अधिकारियों की तलाशी के दौरान कुछ भी नहीं मिला जिसके बाद इसे अफवाह घोषित कर दिया गया।