राष्ट्रपति सचिवालय को इस वर्ष 28 मार्च को इस मामले में गृह मंत्रालय की सिफारिश प्राप्त हुई थी।
New Delhi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र में वर्ष 2008 में एक चार साल की बच्ची से बलात्कार करने और पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या करने के मामले में दोषी करार दिए गए एक व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है। राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी।
उच्चतम न्यायालय ने तीन मई 2017 में वसंत संपत दुपारे (तब 55 वर्ष) की दया याचिका को खारिज कर दिया था और फांसी की सजा सुनाई थी। दुपारे ने बच्ची का रेप करने के बाद उसकी पत्थर मारकर हत्या कर दी थी।
राष्ट्रपति सचिवालय को इस वर्ष 28 मार्च को इस मामले में गृह मंत्रालय की सिफारिश प्राप्त हुई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2008 में दोषी ने बच्ची को बहला-फुसलाकर उसका रेप किया था और फिर दो भारी पत्थरों से उसकी हत्या कर दी थी। दोषी बच्ची का पड़ोसी था।
उच्चतम न्यायालय ने 26 नवंबर 2014 में निचली अदालत और बम्बई उच्च न्यायालय के वर्ष 2008 में चार वर्षीय लड़की से बलात्कार एवं हत्या के मामले में महाराष्ट्र के निवासी दुपारे की मौत की सजा सुनाने के फैसले को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत ने 14 जुलाई 2016 में दुपारे की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जतायी थी जिसमें उसने दावा किया था कि निचली अदालत ने उसे अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं दिया।
दोषी की मौत की सजा को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि नाबालिग लड़की से बलात्कार उसके सम्मान को राक्षसी तरीके से गर्त में दफनाना है। अदालत ने इस मामले के घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि दोषी उसका पड़ोसी था और उसने लड़की को बहलाया फुसलाया, उसका बलात्कार किया और दो बड़े पत्थरों से कुचल कर उसकी हत्या कर दी।