वह पहली पत्नी से पैदा हुए बच्चे से अलग नहीं हो सकता है.
नई दिल्ली - दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी करता है, तो भी वह पहली पत्नी से पैदा हुए बच्चे से अलग नहीं हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि किसी शख्स की दूसरी शादी, उसे पहली शादी से हुए बच्चे के स्वाभाविक अभिभावक (Natural Guardian) होने से अयोग्य घोषित करने का आधार नहीं हो सकती है.
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने कहा है कि भले ही माता-पिता आर्थिक संकट से जूझ रहे हों, लेकिन बच्चे के माता-पिता की जगह कोई नहीं ले सकता।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि कोई भी बच्चे के माता-पिता की जगह नहीं ले सकता, भले ही माता-पिता वित्तीय संकट का सामना कर रहे हों। मामला साल 2010 का है जब बच्चे की मां की मौत हो गई थी. महिला के परिजनों ने दामाद के खिलाफ दहेज के कारण मौत का मामला दर्ज कराया है. शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया. 2 साल जेल में बिताने के बाद 2012 में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।