सुनवाई के दौरान चक्रवर्ती के वकील ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी का आधार लिखित में बताने को भी कहा।
New Delhi: दिल्ली पुलिस ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन (एचआर) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती द्वारा प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने के लिए दायर याचिकाओं का बृहस्पतिवार को विरोध किया।
पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को चीन के समर्थन में प्रोपेगेंडा चलाने के लिए धन प्राप्त करने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने याचिकाओं के संबंध में दलीलें सुनीं।
सुनवाई के दौरान चक्रवर्ती के वकील ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी का आधार लिखित में बताने को भी कहा। उन्होंने कहा कि किसी आरोपी की गिरफ्तारी का आधार बताना एक संवैधानिक सुरक्षा है। वकील ने उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के कुछ फैसलों का हवाला दिया और कहा कि हालांकि यूएपीए के तहत कथित अपराध ‘‘गंभीर’’ हैं लेकिन ऐसा कोई वैधानिक आधार नहीं है कि अभियोजन आरोपी को प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने के लिए बाध्य नहीं है। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश हुए पुरकायस्थ के वकील ने कहा कि प्राथमिकी की प्रति प्राप्त करना आरोपी का अधिकार है।
विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि आरोपियों को पुलिस आयुक्त के पास जाना पड़ेगा जो फिर इस संबंध में एक समिति गठित करेंगे।.
उन्होंने कहा कि आरोपियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का चरणबद्ध तरीके से पालन करना होगा। श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपियों ने ‘‘समय से पूर्व’ याचिका दायर की है और वे ‘‘सीधे अदालत का रुख’’ नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने गिरफ्तारी का आधार बताया है और रिमांड में लेने की वजहें बतायी है। हमने प्रावधानों का पालन किया है।’’ अदालत ने इन याचिकाओं पर बुधवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने मंगलवार को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दिल्ली में ‘न्यूजक्लिक’ के कार्यालय को भी सील कर दिया है।