कोर्ट ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप ‘‘बिल्कुल भी साबित नहीं हुए।’’
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में यहां हुए दंगों के दौरान आगजनी, हमले और डकैती के एक मामले में दो लोगों को बरी कर दिया है और कहा है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप ‘‘बिल्कुल भी साबित नहीं हुए।’’
अदालत सोनू, रंजीत सिंह, वीरेंद्र और रोहित के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी, जिन पर उस भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था, जिसने यहां के करावल नगर में 24 फरवरी, 2020 को एक ऑटोरिक्शा को फूंकने के अलावा दो ऑटो चालकों के साथ लूटपाट की थी। सोनू की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, जबकि सिंह के खिलाफ कार्यवाही जनवरी, 2021 में निरस्त कर दी गई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने तीन अगस्त के एक आदेश में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मामले में लगाए गए आरोप बिल्कुल भी साबित नहीं हुए हैं। इसलिए आरोपी वीरेंद्र और रोहित को उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी किया जाता है।’’ करावल नगर पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ दंगा, आगजनी और डकैती सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।