पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे 15 मई के लिए सूचीबद्ध करते हैं।’’
New Delhi: उच्चतम न्यायालय भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी. वी. श्रीनिवास की उस याचिका पर 15 मई को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया, जिसमें गुवाहाटी उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने को चुनौती दी गई है। उन्होंने पार्टी की एक निष्कासित महिला नेता द्वारा अपने खिलाफ दर्ज कराये गये एक मामले में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। श्रीनिवास पर उन्हें मानसिक वेदना पहुंचाने का आरोप है ।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने श्रीनिवास की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की जरूरत है क्योंकि असम में उन्हें (श्रीनिवास को) परेशान किया जा रहा है। मामले की तत्काल सुनवाई के लिए न्यायालय से अनुरोध करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘असम में एक विपक्षी नेता को परेशान किया जा रहा है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे 15 मई के लिए सूचीबद्ध करते हैं।’’
उल्लेखनीय है कि पांच मई को गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम युवा कांग्रेस की निष्कासित अध्यक्ष अंकिता दत्ता द्वारा दर्ज कराये गये एक मामले में श्रीनिवास की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अजीत बोरठाकुर की पीठ ने कहा था कि उनका मानना है कि मामला याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी पूर्व जमानत देने के लिए उपयुक्त नहीं है और इसे खारिज कर दिया था।
श्रीनिवास ने 26 अप्रैल को उच्च न्यायालय में दायर अपनी अर्जी में अपील की थी कि दत्ता द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में मानसिक वेदना देने और मारपीट करने का आरोप लगाया गया है, जिसे तुरंत निरस्त किया जाए।
दत्ता ने दिसपुर पुलिस थाने में दायर की गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि श्रीनिवास अश्लील टिप्पणियां कर पिछले छह महीनों से लगातार उन्हें परेशान और प्रताड़ित कर रहे थे तथा उनके (श्रीनिवास के) खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के पास शिकायत करने की स्थिति में उन्हें गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया है कि श्रीनिवास ने रायपुर में पार्टी के एक हालिया अधिवेशन में उनकी बांह पकड़ी, धक्का दिया और उन्हें खींचा तथा अशिष्ट शब्दों का इस्तेमाल किया। दत्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने (श्रीनिवास ने) उनके खिलाफ शिकायत करने पर पार्टी में उनका (दत्ता का) करियर बर्बाद करने की धमकी भी दी।
दत्ता ने 18 अप्रैल को सिलसिलेवार ट्वीट में श्रीनिवास के खिलाफ आरोप लगाएं थे। कांग्रेस ने दत्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और बाद में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया।