एजेंसी कविता को पिल्लई के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज करेगी।
New Delhi: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता ने बुधवार को कहा कि वह दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के मामले में पूछताछ के लिए 11 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होंगी।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य कविता ने बुधवार देर रात ट्वीट किया, ‘‘मैं 11 मार्च, 2023 को नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित रहूंगी।’’ कविता बुधवार देर शाम राष्ट्रीय राजधानी पहुंचीं। इससे पहले दिन में, अधिकारियों बताया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता 44 वर्षीय कविता को नौ मार्च को दिल्ली में संघीय एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि कविता को हैदराबाद के कारोबारी रामचंद्र पिल्लई के सामने बैठाकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पिल्लई को ईडी ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी कविता को पिल्लई के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज करेगी।
पिल्लई ईडी की हिरासत में है और एजेंसी ने पहले कहा था कि पिल्लई ने बताया है कि वह कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब गिरोह ‘दक्षिणी समूह का प्रतिनिधित्व’ करता है।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता कविता ने कहा कि वह जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करेंगी। उन्होंने साथ ही कहा कि वह ईडी के समक्ष पेश होने को लेकर कानूनी राय लेंगी क्योंकि उनका 10 मार्च को महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम है।
उल्लेखनीय है कि ईडी के पास पिल्लई की हिरासत 12 मार्च (13 मार्च को उन्हें फिर से दिल्ली की अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा) तक है और कविता बृहस्पतिवार को पूछताछ में शामिल नहीं होती तो एजेंसी उन्हें पिल्लई को अपनी हिरासत में रखने के दौरान पूछताछ के लिए नयी तारीख दे सकती है।
एजेंसी के मुताबिक ‘दक्षिणी समूह’ में शरत रेड्डी (अरविंदो फार्मा का प्रवर्तक), मगुंता श्रीनिवासलु रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस सांसद और ओंगोल से लोकसभा सदस्य), कविता और अन्य शामिल हैं। बीआरएस नेता से इससे पहले मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी पूछताछ की थी।
आरोप है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा 2021-22 के लिए लाई गई आबकारी नीति में गुटबंदी को बढ़ावा दिया गया और कुछ शराब कारोबारियों का पक्ष लिया गया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों को खारिज किया है।