बयान के मुताबिक, संस्था ने मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर 2022 के लिए 13 कैदियों और तीन जेल प्रशासकों को अलग अलग पुरस्कार से सम्मानित किया।
New Delhi : हरियाणा में सोनीपत की ज़िला जेल में बंद 45 वर्षीय एक कैदी को शिक्षक के रूप में काम करने और अन्य निरक्षर कैदियों को साहित्यिक गतिविधियों से जोड़ने में योगदान देने के लिए एक जेल सुधार संस्था ने शुक्रवार को सम्मानित किया।
जेल सुधारों के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था ‘तिनका तिनका फाउंडेशन’ ने गुजरात के अहमदाबाद में स्थित साबरमती जेल में हुए एक कार्यक्रम में 20 साल से ज्यादा वक्त से सोनीपत जेल में बंद कुलदीप कुमार को जेल में रहते हुए साथी कैदियों के जीवन में विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया है।
संस्था ने एक बयान में बताया कि कुमार के अलावा उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िला कारगार में बंद 30 वर्षीय कैदी राघवेंद्र लोधी को रोज़ाना साथी कैदियों को समाचार पत्र पढ़कर सुनाकर जेल में साक्षरता के प्रति जागरूकता के प्रसार के लिए सम्मानित किया गया।
बयान के मुताबिक, संस्था ने मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर 2022 के लिए 13 कैदियों और तीन जेल प्रशासकों को अलग अलग पुरस्कार से सम्मानित किया।
बयान में बताया गया, “ चित्रकला श्रेणी में सात कैदियों को पुरस्कार के लिए चुना गया है जबकि चार कैदियों को जेल जीवन में विशेष योगदान के लिए चुना गया है। विशेष उल्लेख श्रेणी के तहत एक ट्रांसजेंडर को चुना गया है। दो महिला कैदियों को विशेष ‘तिनका तिनका बंदिनी पुरस्कार’ के लिए भी चुना गया है।”
उसके मुताबिक, 13 बंदियों में से छह सजायाफ्ता हैं और सात विचाराधीन हैं।.
उसके अनुसार, 2017 से उत्तराखंड की जिला जेल में बंद 56 वर्षीय ट्रांसजेंडर बंदी सारिका को जेल की महिला सेल के 'कनविक्ट ओवरसियर' के रूप में उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है। बयान में बताया गया है कि संस्था ने मध्य प्रदेश में शिवपुरी की सर्किल जेल के अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य को कंप्यूटर साक्षरता और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने, कोविड-19 के दौरान जेल में उद्योग का विस्तार, गौशाला का निर्माण और रखरखाव के लिए ‘तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड’ से नवाज़ा है।
उसके मुताबिक, राजस्थान में अजमेर की उच्च सुरक्षा जेल के उपाधीक्षक परस मल को जेल में पुस्तकालय के निर्माण, रखरखाव और विस्तार में उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है।
संस्था की संस्थापक वर्तिका नंदा ने ‘भाषा’ से कहा कि अहमदाबाद की साबरमती जेल में सभी चयनित कैदियों और जेल प्रशासकों को सम्मानित किया गया।
उन्होंने बताया कि संस्था 2015 से हर साल मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर जेल में बंद कैदियों और जेल कर्मियों को उनके विशिष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत करती है। मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर को मनाया जाता है।