प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले की जांच कर रहा है।
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन मामले में शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को चिकित्सा आधार पर दो महीने की अंतरिम जमानत दे दी। धनशोधन मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने 13 जुलाई को नवाब मलिक को चिकित्सा आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख किया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले की जांच कर रहा है।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि मलिक गुर्दे की बीमारी और अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में हैं, इसलिए उन्हें चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा, ‘‘ हम मामले में सख्ती से चिकित्सा आधार पर मलिक को जमानत देने का आदेश पारित कर रहे हैं। ’’ ईडी ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से कथित तौर पर संबद्ध मामले में नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता मलिक न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान में मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। मलिक ने उच्च न्यायालय से राहत की मांग करते हुए दावा किया था कि वह कई अन्य गंभीर बीमारियों के अलावा गुर्दे के गंभीर रोग से भी पीड़ित है। उन्होंने चिकित्सा आधार पर जमानत की भी मांग की थी।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह दो सप्ताह के बाद चिकित्सा के आधार पर जमानत की मांग करने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई करेगा। मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दाऊद इब्राहिम के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है। दाऊद इब्राहिम एक वैश्विक आतंकवादी है और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी है।.