पीठ ने निखत को यह कहते हुए राहत दी कि याचिकाकर्ता एक महिला है और एक साल के बच्चे की मां है।
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो को शुक्रवार को जमानत दे दी, जिन्हें जेल में अपने पति के साथ कथित गैरकानूनी मुलाकात के लिए गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने निखत को यह कहते हुए राहत दी कि याचिकाकर्ता एक महिला है और एक साल के बच्चे की मां है।
शीर्ष अदालत ने बानो को निचली अदालत से अनुमति लिए बिना कासगंज जेल में अपने पति अब्बास अंसारी से मिलने पर भी रोक लगा दी। बानो ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आरोपों की गंभीरता और मामले में बानो की संलिप्तता को देखते हुए 29 मई को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
गत फरवरी में पुलिस और जिला प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करके अंसारी और उसकी पत्नी बानो के साथ-साथ उनके चालक नियाज की मुलाकात की जानकारी मिलने पर चित्रकूट जिला जेल में छापा मारा था। बानो के पास से कई मोबाइल फोन और विदेशी मुद्रा समेत अन्य सामग्री मिली थी। बाद में बानो और नियाज़ दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
बानो पर गवाहों को धमकाने, अपने पति के लिए जेल में सुविधाएं उपलब्ध कराने, जेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रलोभन देने और उपहार देने का आरोप है। निखत को चित्रकूट जेल के पास एक घर दिलाने और अब्बास से उसकी मुलाकात में मदद करने वाले फ़राज़ खान को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने जेल वार्डन जगमोहन, जेलर संतोष कुमार, जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर और उप जेलर चंद्रकला को भी गिरफ्तार किया था। इस मामले में अंसारी, निखत बानो, नियाज, खान और नवनीत सचान के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
इस संबंध में 11 फरवरी को उपनिरीक्षक श्याम देव सिंह की शिकायत पर कर्वी थाने में मामला दर्ज किया गया था। मऊ से विधायक एवं जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी धनशोधन मामले में जेल में है।