पिछले महीने, आयकर विभाग ने दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में एक सर्वेक्षण किया था।
New Delhi: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) की पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठाया। बीबीसी ने पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी और चर्चित एंकर गैरी लाइनकर को सोशल मीडिया पर ब्रिटेन सरकार की आव्रजन नीतियों की आलोचना करने पर निलंबित कर दिया है और “दक्षिणपंथियों की ओर से प्रतिक्रिया की आशंका” के मद्देनजर एक वृत्तचित्र के प्रसारण पर रोक लगा दी है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकुर ने यह बात कही।
ठाकुर ने लाइनकनर को निलंबित करने के दो समाचार साझा करते हुए बीबीसी पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया, “पत्रकारिता की निष्पक्षता व स्वतंत्रता के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले बीबीसी द्वारा अपने स्टार एंकर को सोशल मीडिया गतिविधि को लेकर निलंबित करते देखना दिलचस्प है। एक और दिलचस्प बात यह है कि बीबीसी ने उस वृत्तचित्र के प्रसारण को निलंबित कर दिया है, जिससे उसे समाज के एक वर्ग के नाराज होने का डर था।”
ठाकुर ने कहा, ‘‘फर्जी विमर्श कायम करना और नैतिक पत्रकारिता स्वाभाविक रूप से विरोधाभासी हैं। मनगढ़ंत तथ्यों के जरिए दुष्प्रचार में लिप्त लोगों से स्पष्ट रूप से नैतिक समझ या पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए खड़े होने की उम्मीद नहीं की जा सकती।’’ उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी के वृत्तचित्र ‘द मोदी क्वेश्चन’ पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे दुष्प्रचार का हथकंडा करार दिया था।
पिछले महीने, आयकर विभाग ने दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में एक सर्वेक्षण किया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बीबीसी पर हमलावर रुख अपनाते हुए इसे ‘सबसे भ्रष्ट’ करार दिया था। साथ ही बीबीसी पर भारत के खिलाफ ‘विषैला’ प्रचार करने का आरोप लगाया था।