मामले में बसंत बंसल और पंकज बंसल द्वारा अलग-अलग दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर अदालत के आदेश आए।
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने M3M समूह के मालिकों बसंत बंसल और पंकज बंसल को रियल एस्टेट कंपनी आईआरईओ से जुड़े धन शोधन के एक मामले में पांच जुलाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है। न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी के मामले में गुरुग्राम स्थित रियल एस्टेट कंपनी के मालिकों को 10-10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही दो जमानत राशि पर कुछ शर्तों के साथ जमानत दी जाएगी।
मामले में बसंत बंसल और पंकज बंसल द्वारा अलग-अलग दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर अदालत के आदेश आए। अदालत ने नौ जून को पारित आदेशों में कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी की स्थिति में उसे दस लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही दो जमानत राशि पर रिहा किया जाएगा।’’ अदालत ने यह भी कहा कि ‘‘प्रमुख आरोपी’’ और आईआरईओ समूह के प्रवर्तक ललित गोयल को पहले ही नियमित जमानत दी जा चुकी है।
अदालत ने अग्रिम जमानत याचिकाओं पर स्थिति रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज दाखिल करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पांच जुलाई तक का समय दिया। ईडी ने एम3एम समूह के मालिकों की अग्रिम जमानत याचिकाओं का विरोध किया।
पिछले हफ्ते, एजेंसी ने आईआरईओ और M3M समूहों के खिलाफ जांच के सिलसिले में M3M के निदेशक रूप कुमार बंसल को निवेशकों और ग्राहकों के धन की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया था।. ईडी ने एक जून को एम3एम समूह और उसके निदेशकों के साथ-साथ दिल्ली और गुरुग्राम में आईआरईओ के खिलाफ छापेमारी की थी।.
ईडी ने बाद में एक बयान में आरोप लगाया कि एम3एम समूह के मालिक, नियंत्रक और प्रवर्तक- बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल और अन्य प्रमुख व्यक्ति छापे के दौरान जानबूझकर जांच से बचते रहे। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि इस मामले में ‘‘एम3एम समूह के माध्यम से बड़ी संख्या में सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।’’ ईडी ने कहा है कि एक लेनदेन में एम3एम समूह को आईआरईओ से कई मुखौटा कंपनियों के जरिये करीब 400 करोड़ रुपये मिले।