इन प्रदूषण केंद्रों की पहचान इलाके में पीएम10 और पीएम2.5 के वार्षिक औसत स्तर के आधार पर की गई है।
New Delhi: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि शहर की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के 13 सबसे अधिक प्रदूषण वाले स्थानों पर वायु गुणवत्ता में सुधार के वास्ते अंतर विभागीय टीमों का गठन किया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जिन 13 सबसे अधिक प्रदूषण वाले केंद्रों की पहचान की गई है उनमें नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर.के.पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका शामिल हैं।
इन प्रदूषण केंद्रों की पहचान इलाके में पीएम10 और पीएम2.5 के वार्षिक औसत स्तर के आधार पर की गई है। राय ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वायु प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान कर उनका समाधान करने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है ताकि तत्काल उक्त इलाकों की वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रदूषण की सूची से जानकारी मिली कि आनंद विहार में खराब वायु गुणवत्ता की वजह निर्माण कार्य, डीजल वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, टूटी सड़कें और अत्यधिक यातायात आदि हैं। राय ने कहा, ‘‘इन मुद्दों का समाधान करने के लिए अंतर विभागीय टीम गठित की गई हैं। हम 12 सचल एंटी स्मॉग गन तैनात करेंगे ताकि इलाके में धूल कणों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।’’उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अशोक विहार में जैव ईंधन जलने और टूटी सड़कों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भी टीमें गठित की गई हैं।
मंत्री ने रेखांकित किया कि बवाना में प्रदूषण के प्रमुख कारकों में निर्माण कार्य से निकले मलबे को फेंकना और अत्यधिक यातायात शामिल है। उन्होंने कहा कि मुंडका में सड़क निर्माण और यातायात से वायु गुणवत्ता पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता है।