रीजीजू ने लिखा, ‘‘नेहरू को जून 1947 में ही इस बात की जानकारी थी कि हरि सिंह भारत में शामिल होना चाहते हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने कश्मीर मुद्दे को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर ताजा हमला बोलते हुये सोमवार को दावा किया कि पाकिस्तानी हमले के बाद वह मामले को गलत अनुच्छेद के तहत संयुक्त राष्ट्र ले गये जिसने पड़ोसी देश को आक्रांता की जगह एक पक्षकार बना दिया।
रीजीजू ने यह भी कहा कि नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा जनमत संग्रह के ‘‘मिथक’’ को कायम रहने दिया और संविधान में ‘‘विभाजनकारी’’ अनुच्छेद 370 को शामिल किया।
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘भारत में शामिल होने के महाराजा हरि सिंह के अनुरोध को नेहरू ने एक बार नहीं बल्कि तीन बार खारिज कर दिया।’’
अरूणाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ने हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने एक ‘‘संतुष्टिजनक इतिहास’’ को पेश किया और शब्दों के जाल में बातों को उलझाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री को मामले से मुक्त कर दिया.
कानून मंत्री ने न्यूज 18 के लिये लिखे अपने लेख में नेहरू पर यह ताजा हमला बोला है, जिसे उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया है । कानूनी मंत्री का यह हमला नेहरू की जयंती के अवसर पर हुआ है ।
रीजीजू ने लिखा, ‘‘नेहरू को जून 1947 में ही इस बात की जानकारी थी कि हरि सिंह भारत में शामिल होना चाहते हैं । (भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड) माउंटबेटेन को लिखे नोट में नेहरू ने केवल इतना ही कहा था ।.
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश के नागरिक इतिहास को गलत तरीके से पेश करने के प्रयासों को खारिज करें और जम्मू, कश्मीर एवं लद्दाख के लोगों के पक्ष में दृढ़ता से खड़े हो।