उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज थोड़ा उदास हूं। मणिपुर जल रहा है, दो समुदायों के लोग एक दूसरे के लोगों को मार रहे हैं।
New Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि यदि भारत को विश्वगुरु बनाना है, तो लोगों को सद्भाव के साथ रहना होगा और देशवासियों के लिए अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और निर्बाध विद्युति आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। केजरीवाल ने उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान दिल्ली और देश के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने दिल्ली में हाल में आई बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र की मदद से दिल्ली सरकार और लोगों ने मिलकर इस प्राकृतिक आपदा का सामना किया। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने मणिपुर में हुई घटनाओं पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज थोड़ा उदास हूं। मणिपुर जल रहा है, दो समुदायों के लोग एक दूसरे के लोगों को मार रहे हैं। हरियाणा में भी एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय से लड़ रहे हैं। अगर हम आपस में ही लड़ते रहेंगे तो हम विश्वगुरु कैसे बनेंगे? यदि हमें विश्वगुरु और शीर्ष देश बनना है तो हमें एक परिवार की तरह रहना होगा।’’
उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के 150 छात्रों को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में प्रवेश दिया गया। केजरीवाल ने देश के अन्य हिस्सों में बिजली कटौती का जिक्र करते हुए कहा कि इतने लंबे समय तक कटौती होने पर भारत ‘‘विश्वगुरु’’ नहीं बन सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास 4.25 लाख मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए पर्याप्त बिजली संयंत्र हैं, हमारी अधिकतम मांग दो लाख मेगावाट है, इसके बावजूद बिजली कटौती होती है। बिजली कटौती कुप्रबंधन और दूरदर्शिता की कमी के कारण होती है। दिल्ली में कोई बिजली कटौती नहीं है और यहां चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति होती है। अगर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन समाप्त हो जाए तो तीन से चार साल में देश में चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।’’. उन्होंने देश में सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत पर अफसोस जताते हुए कहा कि जब तक हर बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी, देश ‘‘विश्वगुरु’’ नहीं बन सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हिसाब लगाया है कि पांच साल में देश के 10 लाख सरकारी विद्यालयेां को बेहतर बनाने के लिए छह लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। प्रति वर्ष 1.20 लाख करोड़ रुपये का खर्च भारत जैसे देश के लिए कुछ भी नहीं है। देश में 17 करोड़ बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है और सभी सरकारें इस समय यह राशि खर्च कर रही हैं।’’
केजरीवाल ने कहा कि लोगों को विभिन्न नि:शुल्क सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई लोग उनका मजाक उड़ाते हैं और उनकी आलोचना करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों के सामने दो विकल्प रख रहा हूं। अगर हम लोगों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देते हैं, तो इसकी लागत केवल 1.5 लाख करोड़ रुपये होगी। क्या लोगों को मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए या करोड़ों रुपए के चार मालिकों का ऋण माफ किया जाना चाहिए?’’.
उन्होंने कहा कि अगर गरीब व्यक्ति के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले तो हर व्यक्ति अमीर बन सकता है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘ सिर्फ भाषणों से भारत विश्वगुरु नहीं बनेगा। जब तक देश के सभी लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं होगी, भारत विश्वगुरु नहीं बन पाएगा।’’ उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से में एक लाख मोहल्ला क्लीनिक खोलने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी और देश के सभी लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए दो लाख करोड़ रुपये के खर्च की आवश्यकता होगी।.
केजरीवाल ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी हालिया कानून के बारे में कहा कि दिल्ली के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिये गये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आपके छीने गए अधिकार वापस दिलाएंगे। हम उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे हैं। अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का काम जारी रहेगा। गति धीमी हो सकती है, लेकिन काम जारी रहेगा।’’. उन्होंने सद्भाव से रहने की जरूरत दोहराते हुए कहा, ‘‘अगर हम आपस में लड़ेंगे तो भारत प्रगति नहीं कर सकेगा। अगर हम मिलकर काम करें तो कोई भी ताकत भारत को दुनिया का शीर्ष देश बनने से नहीं रोक सकती।’’.
उन्होंने सोशल मीडिया पर इन दिनों झगड़ों एवं नफरत की रिपोर्टों के मद्देनजर देश में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने की जरूरत पर भी जोर दिया। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली को एक साफ सुथरा शहर बनाने की योजना बनाई है।