खड़गे ने कहा, ‘‘पहले “अच्छे दिन” की बात की, फिर ‘न्यू इंडिया’ की बात की, और अब अमृतकाल की बात करते हैं।
New Delhi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि मौजूदा समय में लोकतंत्र, संविधान और संस्थान, तीनों के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अपने एक संदेश में यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) अन्याय के खिलाफ खड़ा होगा और जीतेगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण किया।
खड़गे ने कहा, ‘‘आज़ादी के बाद पिछले सत्तर सालों में भारत विश्व में एक मज़बूत शक्ति बन कर उभरा है। यह रातों रात नहीं हुआ। राष्ट्र निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। आज़ादी के हमारे महानायकों ने, पूर्व प्रधानमंत्रियों ने और भारत की जनता ने अपने योगदान से इस सपने को साकार किया है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आज कल कुछ लोग ऐसा जताते हैं कि भारत की प्रगति पिछले कुछ वर्षों में ही हुई है। …वह ग़लत सोचते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे देशवासियों, अंग्रेज़ी सरकार ने यहां से जाते जाते भारत की स्थिति ऐसी कर दी थी कि यहां सुई भी नहीं बनती थी, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यहां बड़े-बड़े उद्योग लगाए, स्टील प्लांट लगाए, ...आईआईटी, आईएमएम और कई संस्थाओं की नींव रखी। कला, साहित्य और संगीत को भी सरकार के आरंभिक वर्षों में पं. नेहरु ने आवश्यक बढ़ावा दिया।’’
खड़गे ने कहा, ‘‘जब भारत में अनाज की कमी हुई, तब लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी ने हरित क्रांति लाकर देश को अनाज आयात करने से मुक्त किया, आत्मनिर्भर बनाया। श्वेत क्रान्ति ने भारत को, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाया।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जब पूरा विश्व पश्चिमी पाकिस्तान के क्रूर तांडव को देख नहीं पा रहा था, तब भारत ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में दुनिया का नक़्शा बदला और बांग्लादेश को आज़ादी दिलाई।
खड़गे ने कहा कि जब भारत में कुछ लोग प्रौद्योगिकी का विरोध करते थे तब राजीव गाँधी ने भारत को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार किया । उनके मुताबिक, ‘‘तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने डॉ मनमोहन सिंह के साथ मिलकर 1991 में आर्थिक उदारीकरण कर, देश को दुनिया के साथ जोड़ा और अर्थव्यवस्था को मज़बूत किया। अटल बिहारी वाजपेयी सहित अन्य प्रधानमंत्रियों ने भी राष्ट्रहित में योगदान दिया और भारत की विकास की यात्रा को आगे बढ़ाया।’’
खड़गे ने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए बहुत पीड़ा हो रही है कि आज लोकतंत्र, संविधान और संस्थान — तीनों पर बहुत बड़ा ख़तरा है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए नये नये हथकंडे अपनाए जा रहे है। ‘‘सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग के छापे तो हो रहे हैं, निर्वाचन आयोग को भी कमज़ोर किया जा रहा है। संसद में विपक्ष के सांसदों को निलंबित कर उनकी आवाज़ को कुचलने की कोशिश की जा रही है। किसी का माइक बंद हो रहा है या किसी के शब्द कार्यवाही से हटाए जा रहे हैं। विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव लाए जा रहे हैं।’’
खड़गे ने कहा कि आने वाले वक्त में शायद लोग विश्वास ना करें कि किसी समय हमारे देश में ऐसी भी सरकार थी जिसके तहत सत्ता पक्ष के लोग ही, विधायिकाओं में सदन की कार्यवाही अवरुद्ध करते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘महान लोग नया इतिहास लिखने के लिए, पुराने इतिहास को मिटाया नहीं करते। वो अपनी लकीर बड़ी खींचते हैं, पहले से खींची लकीर को काट या मिटाकर छोटा नहीं करते। ’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो सरकार हमेशा नाम बदलकर पिछली सरकारों के कामकाज का श्रेय लेने के प्रयास में लगी रहती है..., देखिये उन्होंने क्या हासिल किया? पुरानी चल रही योजनाओं को नया नाम दे दिया। पुरानी आधारभूत परियोजनाओं पर नये पत्थर लगाकर अपना नाम जोड़ दिया। दशकों से चल रही पुरानी संवैधानिक प्रणालियों को तोड़- मरोड़ कर, तानाशाही के नये आयाम देकर, लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने का काम किया जा रहा है।’’. उन्होंने दावा किया कि अब वे उन पुराने क़ानूनों का नाम बदलकर, इतिहास रचने की क़वायद कर रहे हैं जिन्होंने देश को स्थिरता प्रदान की, शांति प्रदान की ।
खड़गे ने कहा, ‘‘पहले “अच्छे दिन” की बात की, फिर ‘न्यू इंडिया’ की बात की, और अब अमृतकाल की बात करते हैं। क्या ये अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए, नाम बदलना नहीं हुआ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी अन्याय होगा, कांग्रेस पार्टी न्याय स्थापित करेगी, लड़ेगी और आवाज़ उठाएगी। युवाओं के अधिकारों के लिए, किसानों की भलाई के लिए, महिलाओं के सम्मान के लिए, समाज के वंचितों को न्याय के लिये, छोटे व्यापारियों की कमाई के लिये, कांग्रेस खड़ी है। ‘इंडिया’ खड़ा है।’’
खड़गे ने कहा, ‘‘लोकतंत्र और संविधान हमारे देश की आत्मा हैं। इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम यह प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिये, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता क़ायम रखेंगे। इसी दृढ़ संकल्प के साथ, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की पुनः बधाई। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!’’