न्यायमूर्ति सिंह ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि छह अक्टूबर तय की।
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारी मकानों के निर्माण के लिए पेड़ काटने की अनुमति नहीं दें। उच्च न्यायालय ने कहा कि उसका 31 अगस्त का आदेश लागू रहेगा, जब दिल्ली सरकार ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति को पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी जाएगी और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए आवश्यक किसी भी अनुमति की सूचना सुनवाई की अगली तारीख तक अदालत को दी जाएगी।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील अनुपम श्रीवास्तव को शहर में फिर से लगाए गए पेड़ों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। अदालत ने जानना चाहा कि क्या पेड़ों को फिर से लगाने की प्रक्रिया सफल रही।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘‘इस बीच, 31 अगस्त के आदेश में शामिल निर्देश जारी रहेंगे। मकानों के निर्माण के संबंध में पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’ न्यायमूर्ति सिंह ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि छह अक्टूबर तय की।
उच्च न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया गया था, जो अप्रैल 2022 के आदेश में अदालत के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद इसका अनुपालन नहीं कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता भावरीन खंडारी के वकील आदित्य एन प्रसाद ने अवमानना याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि अप्रैल 2022 के आदेश के बावजूद, अधिकारी ‘‘पेड़ों की कटाई की अनुमति दे रहे हैं।’’