दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता है।
New Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने यहां मुखर्जी नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया और अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह के संस्थानों में सुरक्षा की स्थिति की जांच करने को कहा।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह और न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने बृहस्पतिवार की घटना के बारे में समाचार रिपोर्ट का संज्ञान लिया, जिसमें कोचिंग संस्थान के छात्र जोखिम भरे प्रयास के तहत जान बचाने के लिए खिड़कियों से रस्सी के जरिए नीचे उतरते दिखे। मामले में नोटिस जारी करते हुए पीठ ने दिल्ली दमकल सेवा विभाग से राष्ट्रीय राजधानी में सभी कोचिंग सेंटर के सुरक्षा प्रमाणपत्र की जांच करने और दिल्ली पुलिस से भी इस संबंध में उसका रुख बताने को कहा।
साथ ही पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को ऐसे प्रतिष्ठानों की स्वीकृत भवन योजनाओं की जांच करने को कहा। अदालत ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस और दिल्ली दमकल सेवा के वकील को नोटिस जारी करें और दोनों आज से दो सप्ताह के भीतर अदालत के समक्ष अपना-अपना जवाब दाखिल करेंगे।’’
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता है। अधिवक्ता ऋषिकेश कुमार ने भी दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व किया। अदालत ने निर्देश दिया कि आगे के निर्देशों के लिए मामला तीन जुलाई को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
आग लगने की घटना में रस्सी के सहारे इमारत से नीचे उतरने के दौरान कुछ छात्रों को मामूली चोटें आईं। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच से संकेत मिला है कि आग पांच मंजिला इमारत में बिजली के मीटर बोर्ड से शुरू हुई थी।
पुलिस के अनुसार, घटना के वक्त ‘भंडारी हाउस’ में स्थित कोचिंग में करीब 250 छात्र कक्षाएं ले रहे थे। खिड़कियों से धुआं उठते देख घबराए छात्रों को रस्सी के सहारे इमारत के ऊपरी तल से नीचे कूदते देखा गया।
छात्रों ने परिसर से बाहर आने के लिए इमारत के दूसरी ओर मौजूद रस्सी का भी इस्तेमाल किया। इनमें से कुछ अपने बैग को नीचे फेंकते और दूसरों की मदद करते देखे गए। मुखर्जी नगर सरकारी नौकरी की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों के केंद्र के रूप में जाना जाता है।