योजना में एग्रीगेटर को किराया तय करने की अनुमति दी गई है।
New Delhi: दिल्ली सरकार ने एक प्रीमियम बस सेवा योजना को मंजूरी प्रदान की है, जिसका उद्देशय शहर के भीतर निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करना और प्रदूषण घटाने में मदद करना है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार ने अगस्त में अपनी वेबसाइट पर दिल्ली मोटर व्हीकल्स लाइसेंस ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना, 2023 का मसौदा अपलोड किया था और लोगों से इसपर राय मांगी थी। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के जरिये मध्यम व उच्च मध्यम वर्ग के लोग सार्वजनिक परिवहन का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित होंगे। योजना के मुताबिक, लाइसेंस धारक को यह सुनिश्चित करना होगा कि योजना के लिए जारी अधिसूचना की तारीख से तीन साल से अधिक की पंजीकरण तिथि वाली किसी भी प्रीमियम बस को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
योजना के मुताबिक, इसके अलावा योजना में शामिल होने के लिए किसी भी नई प्रीमियम बस को मौजूदा उत्सर्जन नियमों का पालन करना होगा फिर चाहे वे सीएनजी वाली वातानुकूलित बसें हों या फिर बिजली से चलने वाली बसें। इसके अलावा बसें बीएस-6 मानक के अनुरूप होनी चाहिए। इस योजना के मुताबिक, एक जनवरी 2025 के बाद सिर्फ विद्युत बसों को ही इस योजना में शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस तिथि के बाद किसी भी सीएनजी बस, फिर चाहे वह बीएस-6 मानक अनुरूप ही क्यों न हो, उसे भी योजना में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी।
योजना के मुताबिक, एग्रीगेटर को महिला यात्रियों की सुरक्षा और रक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने होंगे और बसों के मोबाइल ऐप व वेब आधारित ऐप्लीकेशन पर एक पैनिक बटन सहित त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र मुहैया कराना होगा, जो हर समय काम करना चाहिए। इसके अलावा शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेंस (एपीआई) आधारित तौर-तरीके भी शामिल करने होंगे। योजना में एग्रीगेटर को किराया तय करने की अनुमति दी गई है। हालांकि इन बसों का न्यूनतम किराया दिल्ली परिवहन निगम की वातानुकूलित बसों के अधिकतम किराए से कम नहीं होना चाहिए।