रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालय में कुल 313 सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं। इसके अलावा दरवाजों में लगने वाले और हाथ में पकड़े जाने वाले कई मेटल...
New Delhi : दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी की सात जिला अदालतों में सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने के लिए स्थानीय पुलिस एवं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) समेत 997 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय के समक्ष दायर स्थिति रिपोर्ट में बताया है कि 2,700 सीसीटीवी, सामान की जांच करने वाले 85 स्कैनर, हाथ में पकड़े जाने वाले 242 मेटल डिटेक्टर और दरवाजों पर लगाए जाने वाले 146 मेटल डिटेक्टर जिला अदालतों में लगाए गए हैं।
यह रिपोर्ट उच्च न्यायालय के स्वत: संज्ञान वाले एक मामले और अदालत परिसरों में सुरक्षा को लकर दायर एक याचिका के संबंध में दाखिल की गई है। अदालत ने रोहिणी जिला अदालत के एक कक्ष में 24 सितंबर को गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत होने के बाद इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय विधिज्ञ परिषद एवं सभी जिला विधिज्ञ संघों के अध्यक्षों समेत सभी पक्षकारों को स्थिति रिपोर्ट की एक प्रति सौंपने का 13 दिसंबर को आदेश दिया था, ताकि वे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी अन्य कदम के संबंध में अपनी टिप्पणियां दे सकें।
दिल्ली पुलिस ने अपनी ताजा स्थिति रिपोर्ट में अदालत को सूचित किया कि 26 अक्टूबर, 2021 को तैनात 783 सुरक्षाकर्मियों के मुकाबले 30 नवंबर में कुल 997 सुरक्षाकर्मी जिला अदालतों में तैनात थे। इस आंकड़े में 493 सुरक्षा कर्मी, सीएपीएफ के 243 कर्मी और 261 पुलिस कर्मी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालय में कुल 313 सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं। इसके अलावा दरवाजों में लगने वाले और हाथ में पकड़े जाने वाले कई मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
इसमें बताया गया है कि अदालत परिसरों में प्रवेश करने के वाले हर व्यक्ति की तलाशी ली जाती है। इसके अलावा वकीलों को स्मार्ट पहचान पत्र जारी किए जाते हैं।