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उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने शहरी विकास सचिव से मामले में गौतम नारायण की सेवा लेने के लिए कहा था।
New Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर आरोप लगाया कि वह एमसीडी से जुड़े एक मामले में दिल्ली सरकार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपनी राय रखने से "जबरन" रोकने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने ‘‘न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप’’ करने की कोशिश की और "अदालत की अवमानना" की।
आम आदमी पार्टी (आप) नेता द्वारा किए गए दावों और आरोपों पर उपराज्यपाल कार्यालय से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता एवं आप की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार को अलग-अलग पक्षकार बनाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने शहरी विकास सचिव से मामले में गौतम नारायण की सेवा लेने के लिए कहा था। हालांकि उपराज्यपाल ने 9 फरवरी को शहरी विकास सचिव को मामले की पैरवी के लिए सरकार के वकील के रूप में तुषार मेहता को नियुक्त करने का निर्देश दिया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे कहा है कि उनके कृत्य संवैधानिक पद के अनुरूप नहीं हैं।