अधिकारियों ने बताया कि आईएफएसओ के साथ समन्वय से ‘‘मासूम’’ नामक अभियान चलाया गया जिसे सफल बनाने में सभी जिलों की पुलिसने अहम भूमिका निभायी।
New Delhi : दिल्ली पुलिस की ‘इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने बाल पोर्नोग्राफी (अश्लीलता) के विरूद्ध एक बड़े अभियान के तहत 100 से अधिक प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 36 लोगों को पकड़ा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आईएफएसओ के साथ समन्वय से ‘‘मासूम’’ (किशोर यौन घृणास्पद ऑनलाइन सामग्री उपशमन) नामक अभियान चलाया गया जिसे सफल बनाने में सभी जिलों ( की पुलिस) ने अहम भूमिका निभायी।
पुलिस ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के माध्यम से आईएफएसओ को बाल अश्लील सामग्री से जुड़े उल्लंघनों की सूचनाएं (सीटीआर या साइबर खुफिया सूचना) मिलीं । एनसीआरबी ने राष्ट्रीय लापता एवं शोषित बाल केंद्र (एनसीएमईसी) के साथ करार कर रखा है।
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) प्रशांत गौतम ने बताया कि इन सीटीआर के आधार पर दिल्ली के विभिन्न थानों में 105 मामले दर्ज किये गये और अपराधियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की गयी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान अबतक 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या पकड़ा गया है।
एनसीआरबी और एनसीएमईसी के बीच एक करार हुआ था। एनसीएमईसी अमेरिका स्थित एक गैर लाभकारी निजी संगठन है जिसकी स्थापना यूनाईटेड नेशंस कांग्रेस द्वारा 1984 में की गयी थी।
पुलिस का कहना है कि उसका (एनसीएमईसी का) फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों के साथ गठजोड़ है । उसके अनुसार जब कभी इन पर निजता के उल्लंघन से संबंधित कोई सामग्री या बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री सामने आती है तो वे सतर्कता बरतते हैं। उसके मुताबिक जिस व्यक्ति ने वह सामग्री डाली है,उसका आईपी एड्रेस हासिल किया जाता है।
इस करार के तहत एनसीएमईसी सोशल मीडिया मंचों पर साझा की गयी या डाली गयी बच्चों की संलिप्तता वाली यौन रूप से हानिकारक सामग्री के बारे में सीटीआर /सूचना एनसीआरबी को प्रदान करता है।
पुलिस ने कहा कि इन शिकायतों को एनसीएमईसी एनसीआरबी को यौन रूप से हानिकारक सामग्री साझा करने या अपलोड करने वाले व्यक्ति के ब्योरे के साथ देता है। एनसीआरबी फिर उसे राज्यों की नोडल एजेंसियों के साथ साझा करता है और इस संबंध में दिल्ली में आईएफएसओ नोडल एजेंसी है।