उच्चतम न्यायालय राणा अय्यूब की याचिका पर 25 जनवरी को करेगा सुनवाई

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उच्चतम न्यायालय राणा अय्यूब की याचिका पर 25 जनवरी को करेगा सुनवाई
Published : Jan 23, 2023, 1:10 pm IST
Updated : Jan 23, 2023, 1:10 pm IST
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Supreme Court will hear Rana Ayyub's petition on January 25
Supreme Court will hear Rana Ayyub's petition on January 25

इससे पहले, 17 जनवरी को प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने वृंदा ग्रोवर की दलीलों पर गौर किया था और तत्काल सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने..

New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह पत्रकार राणा अय्यूब की उस याचिका पर 25 जनवरी को सुनवाई करेगा, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए (धन-शोधन निवारण अधिनियम) अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी गई है।

वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने जब प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया, तो पीठ ने इस मामले की सुनवाई 25 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

ग्रोवर ने न्यायालय से कहा कि इस मामले पर जिस पीठ को सोमवार को सुनवाई करनी थी, वह उपलब्ध नहीं है और उन्होंने पीठ ने आज अपराह्न दो बजे तक के लिए सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर परसों एक उचित पीठ के सामने सुनवाई करेंगे। आज ऐसा करना मुश्किल होगा।’’

इससे पहले, 17 जनवरी को प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने वृंदा ग्रोवर की दलीलों पर गौर किया था और तत्काल सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने के संबंध में विचार करने पर सहमति जताई थी।

ग्रोवर ने कहा था कि गाजियाबाद की विशेष अदालत ने अय्यूब के खिलाफ 27 जनवरी के लिए समन जारी किया है, इसलिए मामले को तत्काल सूचीबद्ध किया जाए। अय्यूब ने अपनी रिट याचिका में अधिकार क्षेत्र नहीं होने का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गाजियाबाद में शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया है, क्योंकि धन शोधन का कथित अपराध मुंबई में हुआ था।

गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत ने पिछले साल 29 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया था और अय्यूब को तलब किया था। अभियोजन की ओर से धनशोधन निवारण अधिनियम-2002 की धारा 45, जिसे धारा-44 के साथ पढ़ा जाए, के तहत धनशोधन का मामला दिल्ली में निदेशालय के सहायक निदेशक संजीत कुमार साहू द्वारा दर्ज कराया गया।

विशेष अदालत के न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा था, ‘‘मैंने अभियोजन की उपरोक्त शिकायत का अवलोकन किया और बयान संबंधी दस्तावेज सहित अभियोजन के कागजात देखे। पूरे रिकॉर्ड को देखने पर प्रथम दृष्टया अपराध के सिलसिले में राणा अय्यूब के खिलाफ संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।’’

प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 12 अक्टूबर को अय्यूब के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें उन पर लोगों को धोखा देने और अपनी निजी संपत्ति बनाने के लिए 2.69 करोड़ रुपये के ‘चैरिटी फंड’ (परमार्थ निधि) का इस्तेमाल करने तथा विदेशी चंदा कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

उसने एक बयान में कहा था, ‘‘राणा अय्यूब ने अप्रैल 2020 से ‘केटो मंच’ पर चंदा जुटाने के तीन परमार्थ अभियान शुरू किए और कुल 2,69,44,680 रुपये की धनराशि एकत्र की।’’

Location: India, Delhi, New Delhi

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